बिहार के गया जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पहली बार कोविड 19 टीकाकरण (covid 19 vaccination) के लिए पहुंची मेडिकल टीम ने 140 लोगों को फर्स्ट डोज दिया। इस गांव में पहुंचने के लिए 6km पैदल चलना होता है। गांव में मेडिकल टीम को देखकर ग्रामीणों में भारी उत्साह देखने को मिला। ये ग्रामीण पिछले 8 महीने से कोविड 19 वैक्सीन के लिए इंतजार कर रहे थे। गया जिले के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड के छकरबन्धा पंचायत का एक गांव जो औरंगाबाद जिले की सीमावर्ती इलाके में पड़ता है। इस गांव में जाने के लिए डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से 20 km की दूरी जंगल व पहाड़ से होते हुए पैदल तय करनी पड़ती है।
पैदल चलने के कारण गांव के ग्रामीण, कोविड 19 टीका से वंचित थे। डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल की 4 सदस्यीय टीम इस गांव में पहुंची और करीब 140 लोगों को कोवीड 19 के टीके का फर्स्ट डोज दिया। गांव तक पहुंचने में वैक्सीन का बॉक्स लेकर 6 km कीचड़ , पानी और जगंल से होकर गुजरना पड़ा।
बता दें कि गया जिले में कोविड 19 का टीकाकरण 16 जनवरी 2021 से शुरू की गई थी। जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के पंचायत स्तर से लेकर जगह जगह सेशन साइट बनाकर टीकाकरण करने का कार्य किया गया है और आगे भी की जा रही है।
गांव में पहुंची मेडिकल टीम (medical team) के बीसीएम शनि कुमार ने बताया कि यह काफी सुदूरवर्ती व नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यहां आने का कोई साधन नहीं है। वाहन को औरंगाबाद जिले के बालूगंज में लगाकर वहां से पैदल इस गांव तक पहुंचे हैं। वह भी कीचड़ और जल जमाव वाले रास्ते से होकर। पहली बार इस गांव के ग्रामीणों को वैक्सीन दी जा रही है। इसे लेकर ग्रामीणों में भी काफी उत्साह है। सरकारी तौर पर कोविड टीकाकरण के लिए इस गांव में मेडिकल टीम को पहुंचने में 8 महीने का समय लगा है।
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