उज्जैन। सिंहस्थ में कटी कॉलोनियों के मकानों को हटाने के लिए प्रशासन अड़ा हुआ है तथा एक-दो दिन में जेसीबी चल सकती है। इसी बीच आज से रहवासियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है तथा कांगे्रस द्वारा धरना भी दिया जाएगा। सिंहस्थ मेले की आरक्षित भूमि पर कॉलोनी काटने के मामले में अब बवाल बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने 334 मकान तोडऩे की योजना बना ली है, वहीं दूसरी ओर इन क्षेत्रों में गरीब लोग निवास करते हैं। इनमें से किसी ने पतासी बेच कर तो किसी ने हम्माली कर मकान बनाया है। कोई ऑटो रिक्शा चला कर अपना जीवन यापन कर रहा है। इन सभी का कहना है कि ऐसे में यदि हमारे घर टूटे तो हम कहां जाएंगे। पीपली नाका क्षेत्र के ग्यारसी नगर, ज्ञान का टेकरा, तिलकेश्वर के पीछे और आशु माता मंदिर के पीछे के करीब तीन सौ से अधिक मकान हैं जिन्हें तोड़ा जाना है।
भाजपा के नेता निपटा रहे हैं एक-दूसरे को..
दिखाई तो यह दे रहा है कि जिला प्रशासन सिंहस्थ 2016 के बाद के अतिक्रमण हटा रहा है और सिंहस्थ की जमीन की रक्षा की जा रही है लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है। यहाँ के एक नेता को निपटाने के लिए दक्षिण के दूसरे नेता लगे हुए हैं और उनकी पुरानी अनबन सभी को पता है। ऐसे में भाजपा में भी गुटीय राजनीति के चलते आम जनता के घर टूट रहे हैं।
2016 के पूर्व के मकान और कॉलोनी भी तोड़ी जाए
अभी 2016 के बाद के मकान तोड़े जा रहे हैं, जबकि 1992 के बाद भी कई कॉलोनी और मकान बने, यदि तोडऩा है तो उन्हें भी हटाया जाना चाहिए। यह बात समझ में नहीं आ रही है कि केवल 2016 के सिंहस्थ के बाद के ही अतिक्रमण क्यों हटाए जा रहे हैं।
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