नई दिल्ली। असम कांग्रेस (Assam Congress) ने शुक्रवार को अपने एक मौजूदा विधायक (Congress MLA) को पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयान देने के लिए कारण बताओ नोटिस (Notice Issue) जारी किया है।आरोप है कि कांग्रेस विधायक ने असम के सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की बड़ी प्रवृत्ति के साथ सांप्रदायिक रंग के मामलों में बयान दिया। पार्टी ने कांग्रेस विधायक को भाजपा का एजेंट (Agents of BJP) भी करार दिया है।
विधायक शर्मन अली अहमद (MLA Sherman Ali Ahmed) को जारी कारण बताओ नोटिस में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) ने कहा, “आप कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहते हुए भाजपा के एजेंट (Agents of BJP) के रूप में काम कर रहे हैं। आपकी सीएम हिमंत बिस्व सरमा से निकटता के कारण आपको विशेष रूप से चुनाव के समय कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह की टिप्पणी करने के लिए प्रायोजित किया जा रहा है।”
असम कांग्रेस ने शर्मन अली अहमद को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) में कहा, “एक विधायक के रूप में, मीडिया में आपकी सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ टिप्पणी असम आंदोलन की पिछली घटनाओं के पुराने घावों को कुतर रही है। आपका बयान सभी समुदायों के लोग पूरी तरह से असंवेदनशील और एपीसीसी के लिए गैरजरूरी है। उपचुनाव से पहले आपकी टिप्पणियों को कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के इरादे से राजनीति से प्रेरित माना जाता है।“
कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, “आपको यह पत्र मिलने के तीन दिनों के भीतर एपीसीसी अध्यक्ष को अपना जवाब भेजने का निर्देश दिया जाता है।” शर्मन अली अहमद ने मीडिया को बताया, असम आंदोलन के दौरान 1983 में धौलपुर इलाके में संदिग्ध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा मारे गए आठ लोग शहीद नहीं थे, बल्कि हत्यारे थे। शर्मन अली अहमद ने कहा, “उन्होंने (एक पूर्व मंत्री के भाई सहित आठ लोगों ने) उस दौरान असम आंदोलन के नाम पर कई लोगों की हत्या कर दी थी। चूंकि ग्रामीण उनसे डरते थे और अपनी रक्षा के लिए उन्हें मार देते थे।” कई राजनीतिक, गैर-राजनीतिक संगठनों ने कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद द्वारा दिए गए विवादास्पद सांप्रदायिक बयान की कड़ी निंदा की है और उनसे बिना शर्त माफी की मांग की है।