इंदौर। नए मास्टर प्लान (new master plan) की कवायद तो चल ही रही है, वहीं वर्तमान मास्टर प्लान में भी आवश्यक भू-उपयोग परिवर्तन करवाए जा रहे हैं। न्यायिक अधिकारी और कर्मचारियों (workers) के लिए आवास बनाने के लिए भिचौली मर्दाना में 6.364 हेक्टेयर यानी लगभग 15 एकड़ जमीन आबंटित (land allot) की गई है। इसका भू-उपयोग आवासीय किया जा रहा है। वर्तमान में पीएसपी के साथ 30 मीटर चौड़ी सडक़ प्रस्तावित है। अब आवासीय के साथ सडक़ का उपांतरण प्रस्तावित किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश ने इस आशय की सूचना भी प्रकाशित कर दी है, ताकि 15 दिन में आपत्ति या सुझाव लिए जा सकें। पिछले दिनों प्रशासन ने इस जमीन का आबंटन भी कर दिया है।
वैसे तो मास्टर प्लान में भू-उपयोग (land use) परिवर्तन के खेल विगत वर्षों में होते रहे हैं। वहीं सरकारी प्रोजेक्टों (government projects) के अलावा हाउसिंग बोर्ड, प्राधिकरण (housing board authority) के लिए भी उपयोग परिवर्तन किए गए। अब उसी श्रेणी में जबलपुर हाईकोर्ट (hugh court) मांग के मद्देनजर इंदौर हाईकोर्ट के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ जिला कोर्ट के भी कर्मचारियों की आवासीय कालोनी विकसित करने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन भिचौली मर्दाना की जमीन का किया जा रहा है। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल के मुताबिक सर्वे नम्बर 313/1/1 की कुल रकबा 11.876 हेक्टेयर में से 6.364 हेक्टेयर यानी लगभग 15 एकड़ जमीन के साथ ही ग्राम बढिय़ाकीमा की सर्वे नम्बर 111/1/1 की 9.893 हेक्टेयर जमीन आबंटित की जाना है। चूंकि वर्तमान मास्टर प्लान भिचौली मर्दाना (bicholi mardana) की सर्वे नम्बर 313/1/1 की जमीन आमोद-प्रमोद और 30 मीटर मार्ग के रूप में चिन्हित है। लिहाजा उसमें से 6.364 हेक्टेयर जमीन का उपयोग बदलकर अब आवासीय और 30 मीटर चौड़ा मार्ग किया जाना है। आयुक्त सहसंचालक अजीत कुमार ने इस भू-उपांतरण के लिए अधिनियम की धारा 23-क की उपधारा (1) के खण्ड क के तहत सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन भी कर दिया है। ताकि 15 दिन में नियमानुसार आपत्ति और सुझाव प्राप्त किए जा सकें। चूंकि यह सरकारी जमीन है और न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों की आवासीय कालोनी के लिए आबंटित की गई है। इस पर कोई आपत्ति आने की भी उम्मीद नहीं है और आसानी से भू-उपांतरण हो जाएगा। नजूल की यह जमीन प्रिंसिपल रजिस्ट्रार जबलपुर हाईकोर्ट के नाम की जा रही है। प्रकाशित की गई सूचना में चूंकि जमीन का सर्वे नम्बर नहीं है, इसलिए भ्रम भी हो जाता है कि कौन सी जमीन का भू-उपांतरण शासन द्वारा करवाया जा रहा है, लेकिन नगर तथा ग्राम निवेश ने स्पष्ट किया कि उक्त जमीन निजी ना होकर सरकारी है और हाईकोर्ट की मांग पर आबंटित की गई।
हाईकोर्ट की मांग पर प्रशासन ने आवंंटित की है जमीन
प्राधिकरण की योजना 140 के पास पिपल्याहाना तालाब (piplihana lake) से लगकर कोर्ट भवन का निर्माण चल रहा है। लिहाजा उसी क्षेत्र में यह जमीन न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की आवासीय कालोनी के लिए तलाश की गई। प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ने पिछले दिनों कलेक्टर को पत्र लिखकर जमीन आबंटन की मांग की थी। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह (Collector manish singh) ने भिचौली मर्दाना तहसील बिचौली हप्सी के सर्वे नम्बर 313/1/1 की सरकारी कुल जमीन 11.876 हेक्टेयर में से 6.364 हेक्टेयर जमीन भिचौली मर्दाना में और 2.893 हेक्टेयर जमीन बढिय़ाकीमा में आबंटित की है।
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