ऋग्वेद में देवी लक्ष्मी को ‘श्री’ व भूमि प्रिय सखी कहा है। लक्ष्मी को चंचला (playful) भी कहते हैं अर्थात जो कभी एक स्थान पर रूकती नहीं। श्री का अर्थ है होता है शुभ और हर व्यक्ति शुभ लक्ष्मी ही चाहता है। लक्ष्मी मात्र धन नहीं हैं अपितु व्यक्ति की पहचान भी होती है। इनकी पूजा से घर में धन -वैभव का आगमन होता है। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष अवसर होता है। इसके तहत हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Vrat) शुरू किया जाता है। 16 दिनों तक विधि विधान से व्रत रखकर अंतिम दिन यानी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मां लक्ष्मी के गज लक्ष्मी स्वरूप की पूजा की जाती है और इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। गज लक्ष्मी माता हाथी पर कमल के आसन पर विराजमान होती हैं।
पौराणिक मान्यता है कि गज लक्ष्मी (gaj lakshmi) के व्रत और पूजन से घर में कभी आर्थिक तंगी और दरिद्रता नहीं आती है, भक्तों को मन वांछित फल प्राप्त होता है, सुख-संपत्ति और संतान की प्राप्ति होती है। मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है।
हिंदी पंचांग के अनुसार, इस साल गज लक्ष्मी का व्रत आश्विन मास (ashwin month) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 29 सितंबर 2021 दिन बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन गजलक्ष्मी की पूजा के साथ महालक्ष्मी के सोलह दिन के व्रतों का उद्यापन भी होगा। आइये जानें मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र।
गज लक्ष्मी व्रत पूजन विधि
इस दिन पूजा (worship) स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने-चांदी के सिक्के और फल फूल रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें। महालक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी के हाथी पर बैठी हुई मूर्ति को लाल कपड़ा के साथ विधि-विधान के साथ इनकी स्थापना करें और पूजा कर ध्यान लगाएं।
महालक्ष्मी व्रत के दिन श्रीयंत्र या महालक्ष्मी यंत्र (Mahalaxmi Yantra) को मां लक्ष्मी के सामने स्थापित करें और इसकी पूजा करें। यह चमत्कारी यंत्र धन वृद्धि के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इस यंत्र की पूजा से परेशानियां और दरिद्रता दूर होती है। महालक्ष्मी व्रत में दक्षिणावर्ती शंख (clockwise conch) में गंगाजल और दूध डालकर देवी लक्ष्मी की मूर्ति से अभिषेक करना चाहिए इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
माता लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत पसंद होता है इसलिए लक्ष्मीजी की पूजा में यह फूल अवश्य चढ़ाना चाहिए। महालक्ष्मी व्रत पर कमल गट्टे को माला को माता लक्ष्मी को चढ़ाएं। साथ ही पूजा में कौड़ी अर्पित करें। पूजा के बाद इन दोनों चीजों को अपने तिजोरी या लॉकर में रखें।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र
गज लक्ष्मी व्रत के दिन भक्त विधि पूर्वक मां लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें इत्र, गंध और कमल का फूल अर्पित करें तथा कमल गट्टे की माला से नीचे दिए गये किसी एक मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप मां लक्ष्मी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं और उनकी सभी मनोकामना (all wishes) पूरी करती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से भक्तों को कभी धन- दौलत की कमी नहीं होती है। उनकी सारी आर्थिक समस्याएं दूर कर देती हैं।
ऊँ विद्या लक्ष्म्यै नम:
ऊँ आद्य लक्ष्म्यै नम:
ऊँ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:
ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात
ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
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