नई दिल्ली: देश में तीन नए कृषि कानून (Farm Law) पर तकरार जारी है. कुछ दिनों पहले यूपी (UP) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में कुछ दिनों पहले हुई महापंचायत (mahapanchayat) के बाद से किसान नेताओं (farmer leaders) की गतिविधियां और दौरे लगातार जारी है. इसी कड़ी में आंदोलनकारी किसानों का 27 सितंबर को भारत बंद (Bharat Band) है. आंदोलन से जुड़े लोगों ने इस कथित भारत बंद की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
‘हाईवे पर रोकेंगे ट्रैफिक’
किसान नेताओं से मिली जानकारी के मुताबिक भारत बंद के दौरान सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक आंदोलन से जुड़े लोग दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर धरना देंगे. हालांकि इस बार एक बदलाव ये हुआ है कि आंदोलन स्थल पर गांव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा. वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान NH-24 और NH-9 का ट्रैफिक जाम करेंगे. कहा जा रहा है कि यूपी के किसान यहां नहीं आएंगे क्योंकि वो अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे.
बंद पर BKU का कितना असर?
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि भाकियू ने भी पूरी तैयारी के साथ सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की है. बंद को सफल बनाने के लिए सभी जनपदों में बैठकों का दौर जारी है. किसान यूनियन के कार्यकर्ता सभी जिलों में सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे.
क्या खुला-क्या बंद
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) नेताओं के मुताबिक पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को हटाने की कार्रवाई की तो किसान जेल जाना पसंद करेंगे लेकिन सड़कों से नहीं हटेंगे. इसी दौरान प्राइवेट दफ्तर, शिक्षण संस्थान, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा. इसी तरह मालवाहक ट्रकों और गाड़ियों को दिल्ली से आने या जाने नहीं दिया जाएगा.
इंटरनेशनल दबाव का हवाला
BKU नेता के मुताबिक भारत सरकार जब तक तीनों कृषि कानून वापस नही लेती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून नही बनाती उनका आंदोलन जारी रहेगा. वहीं भाकियू नेता चौ राकेश टिकैत ने मोदी-बाइडेन मुलाकात पर कहा कि बहुराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा दुनियाभर की कृषि नीतियों को प्रभावित किया जा रहा है. विश्व व्यापार संगठन (WTO) और मुक्त व्यापार समझौते भी किसानों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. इस पर भी मोदी-बाइडेन को चर्चा करनी चाहिए थी. क्योंकि पूरीदुनिया के किसानों की जीविका पर इस अंतरराष्ट्रीय दबाव से बड़ा खतरा है.
विपक्षी दलों का समर्थन
कांग्रेस (Congress) ने ‘भारत बंद’ को समर्थन देने की घोषणा की है. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्डा ने ट्वीट के जरिए अपनी बात रखते हुए कहा कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को भारत बंद का पुरजोर समर्थन करती है. इसी तरह वाम दलों और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने भी भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि ‘भारत बंद’ के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया गया है.
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