नई दिल्ली। हाल ही में एंटरटेनमेंट सेक्टर में एक बड़ी मर्जर डील की खबर सामने आई थी। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Zee Entertainment) ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (Sony Pictures India) के साथ मर्जर की घोषणा की। लेकिन यह मर्जर आसान नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स (media reports) के अनुसार इसमें जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी ‘इन्वेस्को’ (‘Invesco’) अड़चन पैदा कर सकती है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल किसी भी मर्जर में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अहम भूमिका निभाती है। जी एंटरटेनमेंट में 18 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली इन्वेस्को कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ही है। इन्वेस्को का मानना था कि कंपनी का कॉर्पोरेट गवर्नेंस (corporate governance) कमजोर है। इन्वेस्को ने ही जी एंटरटेनमेंट में दो स्वतंत्र निदेशकों और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) पुनीत गोयनका (Puneet Goenka) को हटाने की मांग की थी। दो स्वतंत्र निदेशकों ने इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन पुनीत गोयनका ने पद नहीं छोड़ा। अब इस मामले के आगे बढ़ने से पहले ही मर्जर का एलान कर दिया गया।
जी एंटरटेनमेंट में प्रमोटर्स की 4.77 फीसदी हिस्सेदारी
मालूम हो कि जी एंटरटेनमेंट में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 4.77 फीसदी है। वहीं फंड हाउसेज और अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी 95.23 फीसदी है। इनमें म्यूचुअल फंड के पास 3.77 फीसदी, विदेशी निवेशकों के पास 67.72 फीसदी और एलआईसी के पास 4.89 फीसदी हिस्सेदारी है।
11,500 करोड़ रुपये का होगा निवेश
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि सोनी 1.57 अरब डॉलर यानी करीब 11,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और विलय के बाद इसके पास 52.93 फीसदी की नियंत्रक हिस्सेदारी होगी। वहीं जी लिमिटेड के शेयरधारकों के पास 47.07 फीसदी हिस्सेदारी होगी। निवेश की रकम का इस्तेमाल ग्रोथ के लिए किया जाएगा।
पुनीत गोयनका होंगे मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ
जी लिमिटेड के बोर्ड ने विलय के लिए मंजूरी दे दी है। पुनीत गोयनका मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बने रहेंगे। दोनों कंपनियों के टीवी कारोबार, डिजिटल एसेट्स, प्रोडक्शन ऑपरेशंस और प्रोग्राम लाइब्रेरी को मर्ज किया जाएगा। दोनों कंपनियों के बीच नॉन-बाइंडिंग अग्रीमेंट का करार हुआ है। डील का ड्यू डिलिजेंस अगले 90 दिनों में पूरा होगा। मौजूदा प्रमोटर फैमिली जी के पास अपनी हिस्सेदारी को चार फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी तक करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
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