नई दिल्ली। बच्चों (Child) की डाइट (diet) की बात करें तो जन्म के 6 महीने तक तक तो उनके लिए मां का दूध ही संपूर्ण पोषण (Mother’s milk is complete nutrition) का स्रोत होता है. 6 महीने के बाद बच्चों को हल्की डाइट पर लाना होता है, जैसे दूध में बनी सूजी, मैश किया हुआ केला, दलिया, पतली खिचड़ी आदि। वैसे तो ये सारी बातें हम लोग अपनी दादी-नानी के जमाने से ही पता होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों की डाइट में हींग जोड़ना कितना फायदेमंद? और उन्हें कब हींग देनी चाहिए?
एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों के लिए हींग का सेवन बेहद सुरक्षित है, और इससे बच्चों के पेट की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है. हालांकि इस रिपोर्ट में हींग को लेकर कुछ सावधानियों के बारे में भी बताया गया है, जिसे जानना भी जरूरी है. रिपोर्ट में न्यूट्रिशनिस्ट वरुण कत्याल (Nutritionist Varun Katyal) बच्चों के लिए हींग के कुछ फायदे बता रहे हैं।
श्वसन तंत्र से जुड़ी तकलीफ होगी दूर
न्यूट्रिशनिस्ट वरुण कत्याल के मुताबिक हींग के सेवन से बच्चों में श्वसन तंत्र (Respiratory System) से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं. क्योंकि इसमें एंटी एलर्जी (Anti Allergy) और एंटी इन्फ्लेमेटरी (Anti Inflammatory) गुण मौजूद होते हैं, जो ना केवल हल्की-फुल्की खांसी को दूर करने में उपयोगी हैं बल्कि सांस संबंधी समस्याओं से भी राहत दिला सकते हैं. इसके अलावा यदि बच्चा अस्थमा की समस्या से ग्रस्त है या उसमें अस्थमा के लक्षण दिखाई देते हैं, तो हींग के सेवन से इस समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदा
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि हींग के अंदर एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं, जो न केवल बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हैं, बल्कि उनके शरीर को कई समस्याओं से दूर करने में भी फायदेमंद हैं.
निमोनिया से बचाव
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, हींग के अंदर भरपूर मात्रा में एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं, जो न केवल निमोनिया के कारण उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, बल्कि काफी हद तक निमोनिया के इलाज में भी कारगर हैं.
डाइजेस्टिव सिस्टम रहेगा फिट
बच्चों में अक्सर पेट फूलने या गैस बनने की समस्या देखने को मिलती हैं. इसके अलावा कुछ बच्चों में पेट दर्द से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिलती है, ऐसे में हींग के सेवन से पेट से जुड़ी कई तकलीफों को दूर किया जा सकता है और बच्चों के पाचन की क्रिया को तंदुरुस्त बनाया जा सकता है।
हींग को लेकर कुछ सावधानियां भी हैं जिनके बारे में पता होना जरूरी है.
– बच्चों की डाइट में हींग डॉक्टर की सलाह पर ही जोड़ें.
– अगर हींग से बच्चे को किसी तरह की एलर्जी होती है तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं.
– यदि बच्चे की कोई दवाई या टॉनिक चल रहा है तो उस दौरान हींग को डाइट में जोड़ने से पहले डॉक्टर से पूछें.
– जब अपने बच्चे को पहली बार हींग खिलाएं तो दूसरी बार हींग खिलाते वक्त थोड़ा-सा इंतजार करें.
– बच्चों की डाइट में अच्छी क्वालिटी का हींग ही जोड़ें
– हींग का सेवन करने से पहले एक्सपायरी डेट का पता लगाएं.
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