द्य इंदौर।मुख्यमंत्री (Chief Minister) के निर्देश पर जो एंटी माफिया अभियान (Anti Mafia Campaign) शुरू किया गया, जिसके चलते आज सुबह 5 बजे से कनाडिय़ा रोड (Kanadiya Road) स्थित प्रेम बंधन और रिवाज गार्डन (Prem Bandhan, Rivaj Garden) को जमींदोज (Jamindoh) किया गया। वहीं इस दौरान कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) को इन दोनों गार्डनों से लगी और सामने की पट्टी में मौजूद सरकारी सीलिंग (Government Ceiling) की 15 हेक्टेयर यानी लगभग 38 एकड़ जमीन का भी पता लगा। ये जमीनें भी सोहराब पटेल के कब्जे में बताई जाती है और कोर्ट में भी इन जमीनों का मामला चलता रहा। अब कलेक्टर ने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक कनाडिय़ा रोड (Kanadiya Road) सडक़ से लगी इस बेशकीमती जमीन की फाइल फिर से खुलवाई है और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी अपील की जाएगी, जहां से शासन के खिलाफ पूर्व में आदेश पारित हुए हैं। संभवत: राजस्व तथ्यों को सही तरीके से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। कलेक्टर के मुताबिक शासन की सीलिंग की जमीन पर ही ये गार्डन बने और अन्य जमीनों की भी जांच शुरू करवाई जा रही है। ये जमीनें अत्यंत ही बेशकीमती भी है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने अभी एक बार फिर माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश कलेक्टरों को दिए, जिसके चलते इंदौर में ही सबसे पहले बड़ी मुहिम शुरू की गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने कल दिनभर रणनीति बनाकर आज सुबह 4 बजे से ही कनाडिय़ा रोड पर पुलिस, प्रशासन, निगम अमले के साथ धावा बुलवाया और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई। प्रेम बंधन और रिवाज गार्डन में तो अनुमति के बिना ही निर्माण हुआ, वहीं इससे लगी और सामने की पट्टी में भी सरकारी सीलिंग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया और ये जमीनें भी सोहराब पटेल व अन्य के नाम पर हो गई। वर्तमान में इस 15 हेक्टेयर यानी 38 एकड़ जमीन की कीमत एक हजार करोड़ से अधिक है, क्योंकि यह मुख्य कनाडिय़ा रोड से लगी हुई जमीन है, जिसका व्यवसायिक मूल्य 10 हजार स्क्वेयर रुपए फीट से भी अधिक है। कलेक्टर के मुताबिक सरकारी सीलिंग की जमीनों की फाइलें निकलवाई हैं और जांच की जाएगी। सर्वे नम्बर 1386, 1226, 1180, 1196, 1197, 1198, 1199, 1200/1, 1203, 1205, 1206, 1207, 1208, 1213 के अलावा 1219/3/1 से लेकर 1219/4 की शहरी सीलिंग की जमीन इसमें शामिल है। कुछ समय पूर्व मध्यप्रदेश शासन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी हार गया। संभवत: सही तथ्य कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए होंगे। लिहाजा अब नए सिरे से सीलिंग की इन बेशकीमती जमीनों की जांच कलेक्टर ने शुरू करवाई है और विधि विभाग से सलाह लेकर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की जाएगी। सीलिंग की इन जमीनों के संबंध में एडीएम पवन जैन ने बताया कि राजस्व रिकार्ड निकलवाया जा रहा है और लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक खसरा नम्बरों की जमीनें शहरी सीलिंग की मिली है। ये 38 एकड़ जमीन वाकई बेशकीमती है। कलेक्टर गाइडलाइन के मान से ही 8 से 9 हजार स्क्वेयर फीट इस जमीन का भाव है, जबकि बाजार मूल्य तो 15 से 20 हजार रुपए स्क्वेयर फीट से कम नहीं है, क्योंकि कनाडिय़ा रोड पर तेजी से व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई है। सीलिंग की ये 15 हेक्टेयर जमीन का बाजार मूल्य एक हजार करोड़ रुपए से अधिक ही है। यह भी उल्लेखनीय है कि इसी के आगे डायमण्ड कालोनी भी आती है। उसे भी खाली करवाने के लिए भूमाफिया पिछले कई वर्षों से सक्रिय रहे हैं। संघवी से लेकर दीपक मद्दे ने भी डायमंड कालोनी खाली करवाने के लिए बब्बू-छब्बू से अनुबंध तक कर लिया था। इसका खुलासा कुछ समय पूर्व अग्निबाण ने किया। डायमंड कालोनी के बाहर भी बड़ी संख्या में दुकानें-गुमटियां लगी हुई है और इस पूरे क्षेत्र में सोहराब पटेल (Sohrab Patel), सलीम पटेल सहित अन्य दबंगों का ही कब्जा रहा है, जिन्होंने सीलिंग की जमीनें लोगों को बेच डाली।
दुकानें तुड़वाकर बना दी थी बाउण्ड्रीवाल
कनाडिय़ा रोड (Kanadiya Road) पर प्रेम बंधन और रिवाज गार्डन के सामने पिछले दिनों 60 से अधिक दुकानों को होशियारी से तुड़वा दिया गया था। सोहराब पटेल व अन्य ने निगम से नोटिस जारी करवाकर सीलिंग की इस जमीन पर काबिज दुकानों को तुड़वाने के बाद ताबड़तोड़ बाउण्ड्रीवॉल भी बना दी। जब इसको लेकर भी दुकानदारों ने हल्ला मचाया तो फिर निगम ने रेडिमेड खड़ी की गई बाउण्ड्रीवाल को हटवाया। वहीं निगम ने भी कब्जेदारों से दस्तावेज भी मांगे थे।
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