कुलकर्णी भट्टा पुल की आखरी बाधाएं भी हटने लगी
कई लोगों को सामान और मकान हटाने के लिए मजदूरों और निगमकर्मियों की टीम उपलब्ध कराई, सभी को पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं फ्लैट
इंदौर। कुलकर्णी भट्टा पुल (Kulkarni Bhatta Bridge) में कुछ बाधाओं ( Barriers) के कारण काम अटका हुआ था। पिछले दिनों नगर निगम (municipal Corporation) ने बस्ती में शिविर (Camp) लगाकर प्रभावित परिवारों को फ्लैट आवंटन (Flat Allotment) कर दिया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब निगम (Corporation) वहां बाधक मकानों के हिस्से हटाने की तैयारी में है। इसके लिए आज वहां के रहवासियों की शिफ्टिंग (Shifting) कराने के लिए कई मजदूरों और रिमूवल टीम का अमला क्षेत्र में पहुंचा। लोगों का सामान नए आशियाने तक भेजने के लिए कई डंपर और ट्रक भी मौके पर तैनात किए गए।
नगर निगम (municipal Corporation) द्वारा कुलकर्णी भट्टा (Kulkarni Bhatta) के नए पुल का काम फिर शुरू किया गया था। हालांकि वर्षों से पुल को लेकर तमाम बाधाएं आती रहीं और कई सालों तक पुल का निर्माण कार्य ही शुरू नहीं हो पाया था। बीते कुछ महीनों में निगम ने पुल बनाने का काम तेजी से शुरू कराया था और स्लैब डालने से लेकर अन्य कार्य पूरे कर लिए गए थे, लेकिन पुल के समीप सर्विस रोड (Service Road) और अन्य हिस्सों को लेकर मामला उलझन में था, जिसके कारण काम रुक गया था। नगर निगम अधिकारी अनूप गोयल (Anoop Goyal) के मुताबिक पुल के लिए 170 परिवारों की शिफ्टिंग (Shifting) कराई जाना है, क्योंकि उनके मकानों के हिस्से पुल निर्माण कार्य में बाधक बन रहे थे। इसके चलते कई दिनों से काम रुका पड़ा था। पिछले दिनों निगम (Corporation) द्वारा वहां रहने वाले प्रभावित परिवारों का सर्वे कर उन्हें भूरी टेकरी से लेकर कई अन्य स्थानों पर फ्लैट आवंटित कर दिए गए थे।
अब वहां के प्रभावितों की शिफ्टिंग कराने का मामला आज से शुरू किया गया है। रहवासी अपने घरों का सामान निगम के वाहनों में रखकर नए आशियानों में ले जाएंगे और उनकी मदद के लिए नगर निगम (municipal Corporation) रिमूवल विभाग की टीम के साथ-साथ अतिरिक्त मजदूरों की टीमें भी उपलब्ध कराई गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि लोगों को शिफ्टिंग (Shifting) में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसलिए अमला उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा प्रभावितों का सामान हटवाने से लेकर उनके मकानों को तोडऩे के लिए रिमूवल टीमें तैनात कर दी गई थीं। मकान ( Houses) टूटने (Breakdown) के दौरान जो जरूरी सामान प्रभावित अपने साथ ले जाना चाह रहे हैं, उनके लिए वाहनों की संंख्या भी बढ़ा दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि 170 से ज्यादा मकान हैं, जिन्हें तोडऩे से लेकर रहवासियों की शिफ्टिंग (Shifting) में तीन से चार दिनों का समय लगेगा।
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