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    महंत खुदकुशी केस में अब तक तीन गिरफ्तार, एसआईटी को लड़की की तलाश

  • September 22, 2021

    प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri, President of Akhara Parishad) की मौत मामले की जांच करने के लिए 18 सदस्यीय एसआईटी (18 member SIT) गठित की गई है। इस मामले में अब तक तीन लोगों गिरफ्तारी हो चुकी है। महंत का सुसाइड नोट सार्वजानिक होने के बाद एसआईटी को उस लड़की की तलाश है जिसके बारे में महंत ने लिखा है कि आनंद गिरी ने एक लड़की की फोटो लगाकर वीडियो किल्पिंग के जरिये उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है। स्व. महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव शरीर को आज प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में भू-समाधि दी जाएगी। सुसाइड नोट में भी पार्क में नींबू के पेड़ के बगल में भू-समाधि देने की अंतिम इच्छा लिखी गई है।


    एसआईटी ने इस मामले की जांच शुरू करके हरिद्वार से गिरफ्तार आनंद गिरी से पूछताछ की है। हालांकि वह खुद को इस मामले में निर्दोष बता रहा है जबकि सुसाइड नोट में महंत ने आनंद पर आरोप लगाया है कि उसने एक लड़की की फोटो लगाकर वीडियो किल्पिंग के जरिये उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है। अब एसआईटी ने इस सुसाइड नोट के आधार पर उस लड़की और वीडियो क्लिपिंग की खोजबीन शुरू कर दी है। इनके मददगार उत्तराखण्ड के एक युवक की भी तलाश जारी है।

    हो जाऊंगा बदनाम
    सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उन्हें (महंत नरेंद्र गिरी) 20 सितम्बर को सूचना मिली कि आनंद गिरी कम्प्यूटर के माध्यम से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए उनकी वीडियो वायरल कर देगा। मैंने सोचा कि मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं वो गरिमायी पद है। सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चलेगी, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसीलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।

    सुसाइड नोट में तीन लोगों का जिक्र
    पुलिस की जांच के दौरान महंत के कमरे से मिला सुसाइड नोट अब मीडिया में वायरल हो चुका है। इसमें महंत ने साफ-साफ अपनी मौत का जिम्मेदार आनंद गिरी, बड़े हनुमान मन्दिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप को ठहराया है। साथ ही उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी अनुरोध करता हूं कि मेरी आत्महत्या के जिम्मेदार यही लोग है और इन लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये, जिससे मेरी आत्मा को शांति मिल सके।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट को लेटर पिटीशन
    इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर एक अधिवक्ता सुनील चौधरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उनके आफिसियल मेल पर लेटर पिटीशन भेजी है। उन्होंने महंत की संदिग्ध हालात में मौत को लेकर निष्पक्ष एजेंसी अथवा सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। लेटर पिटीशन में डीएम और एसएसपी को भी तत्काल बर्खास्त किये जाने की मांग की गयी है।

    एफआईआर में सिर्फ आनंद गिरी का नाम
    महंत नरेन्द्र गिरी की मौत के मामले में जार्जटाउन थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। यह एफआईआर महंत के प्रमुख शिष्य अमर गिरी पवन महराज की ओर से दर्ज कराई गई है, जिसमें आनन्द गिरी का नाम है। इसमेें उन्होंने बताया कि महराज जी को पिछले कुछ महीनों से आनन्द गिरी परेशान कर रहा था। यह बात कभी-कभी वह स्वयं कहा करते थे कि आनन्द गिरी बहुत परेशान करता रहता है।

    कम लिखने वाले महंत ने कैसे लिखा सुसाइड नोट
    कुछ महंतों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरी एक पत्र नहीं लिख सकते थे तो उन्होंने इतने पन्ने का सुसाइड नोट कैसे लिख डाला। फॉरेंसिक जांच टीम का कहना है कि सुसाइड नोट बदला हुआ है क्योंकि महंत ठीक से लिख नहीं पाते थे। इस एंगल से भी जांच हो रही है। कई संतो और यहां के शिष्यों ने भी कहा कि महंत को जब भी कुछ लिखवाना होता था तो वो हम सभी से लिखवाते थे। इसके बाद पढ़वाते थे और अपने स्तर से उसे ठीक भी करवाते थे। जरुरत पड़ने पर दो-चार लाइन लिखते थे। इन्हीं बिन्दुओं पर अब एसआईटी टीम ने सुसाइड नोट और दी गई तहरीर को लेकर गंभीरता से लेकर जांच शुरू कर दी है। एसआईटी टीम ने महंत के मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया है। महंत ने सुसाइड से पहले किन-किन लोगों से बातचीत की है, उन लोगों से पूछताछ की जा रही है।

    पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश
    आगे लिखा है कि मैंने 13 सितम्बर को भी आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था। आनंद गिरी ने एक आडियो कैसेट भी जारी किया था, जिससे उनकी बदनामी हुई थी। आज मैं हिम्मत हार गया हूं और आत्महत्या करने जा रहा हूं। यह भी कहा कि आनंद गिरी ने उन पर मनगढ़ंत आरोप लगाये है जिससे वह मानसिक तनाव में चल रहे थे, जब भी वह एकांत में होते थे तो मर जाने की इच्छा होती थी। आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उनके लड़के ने उनके साथ विश्वासघात किया है।

    मठ और मन्दिर का विकास किया
    सुसाइड नोट में लिखा है कि मरने जा रहा हूं और इस वक्त जो भी बोलूंगा वो सत्य बोलूंगा। मेरा घर से कोई संबंध नहीं है। मैनेें एक भी पैसा घर पर नहीं दिया है। 2004 में महंत बना हूं सभी भक्त जानते हैं कि मैंने एक-एक मन्दिर और मठ का विकास किया है। आनंद गिरी के आरोपों से मठ, मन्दिर की बदनामी हुई है। इससे मैं बहुत आहत हूं और मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।

    बलवीर गिरी के नाम रजिस्टर वसीयत
    मरने से पहले महंत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि प्रिय बलवीर ओम नमो नारायण। मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्टर्ड वसीयत की है जिसमें मेरे मरने के बाद बड़े हनुमान मन्दिर और मठ के महंत बनोगे। साथ ही यह अनुरोध करता हूं कि मेरी सेवा में लगे सभी विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पाण्डेय, मनीष, अभिषेक व सभी का ध्यान रखोगे। साथ ही सभी विद्यार्थी से कहना है कि तुम लोग भी बलवीर महाराज की सेवा करोगे।

    पुलिस अधिकारी से भी होगी पूछताछ
    अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले में सबसे बड़ा अपडेट यह है कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे पहले आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार करने के बाद प्रयागराज लाया गया। पुलिस लाइन में रखकर पुलिस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। इसके अलावा बड़े हनुमान मन्दिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे को सोमवार की शाम को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। महंत की सुरक्षा में लगे छह पुलिस कर्मियों को हिरासत में लेकर उनसे भी पूछताछ चल रही है। इस मामले में अडिशनल एसपी ओपी पांडेय से पूछताछ होगी। इन्होंने नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता की थी।

    बुधवार को होगा पोस्टमार्टम
    मठ में महंत नरेंद्र गिरी का पार्थिव शरीर आज लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा। बुधवार को पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी। इसके बाद गुरुवार को उन्हें बाघम्बरी मठ में वैदिक मंत्रों के साथ भूसमाधि दी जाएगी।

    सपा के पूर्व राज्य मंत्री का नाम आया सामने
    इस मामले की जांच कर रही पुलिस को नये-नये खुलासे हो रहे है। इस प्रकरण में अब सपा के एक पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री इन्दु प्रकाश मिश्र का नाम भी इस केस में सामने आया है। पुलिस इनसे भी पूछताछ करेगी। सूत्रों की माने तो इसमें भाजपा नेता का भी नाम सामने आ रहा है।

    मुख्यमंत्री योगी बोले- दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा
    महंत नरेंद्र गिरी के अंतिम दर्शन के करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर घटना का पर्दाफाश होगा। जो भी दोषी होगा वो नहीं बचेगा। इस मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी ने एसआईटी टीम गठित की जिसकी कमान एडीजी जोन प्रेम प्रकाश संभाल रहे है।

    एडीजी लॉ एण्ड आर्डर बोले हम सीबीआई जांच को तैयार
    मौत के मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि अगर शासन इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराना चाहता है तो भी हम तैयार हैं। अभी हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। हर बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।

    पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा हो सिटिंग जज से जांच
    समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मठ पहुंचकर महंत नरेन्द्र गिरि महाराज को अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हाईकोर्ट के सिटिंग जज से पूरे मामले की जांच की मांग करती है। (एजेंसी, हि.स.)

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