फराज शेख, भोपाल
राजधानी के मलाईदार थानों में पदस्थ दागदार थाना प्रभारियों पर आला अधिकारियों की महबानी साफ नजर आती है। कई गंभीर आरोपों में हटाए जाने के बाद सेटिंगबाज टीआई चापलूसी के दम पर मनपसंद थाना लेने में कामयाब हो जाते हैं। शहर के पांच थानों में इन दिनों ऐसे प्रभारी पदस्थ हैं, जिन पर अवैध शराब बिक्री कराने से लेकर महिला अपराधों में लापरवाही और पार्टी विशेष के लिए प्रचार कराने तक के आरोप रहे हैं। इतना ही नहीं एक प्रभारी लगातार फरियादिया से बदसलूकी के लिए बदनाम है।
पार्टी विशेष के लिए प्रचार करने के आरोप लगे थे
बिलखिरिया थाने के प्रभारी उमेश चौहान ने विधान सभा चुनाव के दौरान मंगलवारा थाने में पदस्थ रहते एक विधायक प्रत्याशी का खुलकर प्रचार कराया था। चुनाव नतीजे घोषित होते ही इन्हें मुख्यालय में पदस्थ किया गया, बाद में नवागत विधायक की खुशामद की और अशोका गार्डन थाने में पदस्थ किए गए। चंद दिनों में अधिकारयों की महरबानी के चलते इन्हें सब इंस्पेक्टर होने के बावजूद बिलखिरिया थाने का प्रभारी बना दिया गया। जबकि डीआरपी लाईन में कई योग्य टीआई थाने की आस में हैं।
बनवा दिया था अपराधी का पासपोर्ट
अशोका गार्डन थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव ने टीटी नगर थाने में पदस्थ रहते एक अपराधी का पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी वेरिफिकेशन किया था। आरोप था कि पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज अपराधों की जानकारी पासपोर्ट आफि स नहीं भेजी थी। जिस कारण उसका पासपोर्ट बन गया था। बाद में सोशल मीडिया पर मामले ने तूल पकड़ा तो उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था। अशोका गार्डन थाने में भी उन पर एक राजनेता के इशारे पर फर्जी मुकदमे दर्ज करने के आरोप लगते रहे हैं। उक्त राजनेता के दबाव में पुलिस के आला अधिकारी उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का एक्शन लेने से कतराते हैं। रविवार को भी फर्जी मुकदमा दर्ज करने के आरोप लगाते हुए कांग्रेसियों ने अशोका गार्डन थाने का घेराव किया। हालांकि आरोपी कांग्रेस नेता अखिल मिश्रा पर प्लॉट कब्जाने और युवती से छेडख़ानी करने के गंभीर आरोप हैं।
ठेले वालों पर जुल्म किया, शिकायतियों को धुन दिया
अरेरा हिल्स थाने के प्रभारी आरके सिंह पर पिछले लॉक लाउन में ठेले वालों को पीटने तथा फल से भरे ठेले पल्टाने के आरोप लगे थे। उनकी करतूतों के वीडियो भी जमकर वायरल हुए थे। हाल ही में उनके खिलाफ थाने में शिकायती को पीटने के आरोप भी लगे। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की महरबानी से उनके खिलाफ कार्रवाई तय नहीं हो सकी। इनके खिलाफ कई अन्य शिकायतें हैं, जिन्हें दबा दिया गया है।
शराब बिक्री के लगे थे आरोप
सूखी सेवनिया थाने के प्रभारी वीबीएस सैंगर पर पिछले लॉक डाउन में अवैध रूप से शराब बिक्री कराने के आरोप लगे थे। जिसके बाद में उन्हें लाइन हाजिर किया गया, आला अधिकारियों से नजदीकी काम आई और उन्हें सूखी सेवनिया थाने का प्रभारी बना दिया गया। यहां भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं।
हत्याकांड के लिए माना जाता है जिम्मेदार
कोतवाली थाने के टीआई करण सिंह ने अपनी पूरी नौकरी भोपाल में ही गुजार दी है। ईटखेड़ी का थाना प्रभारी रहते युवक की निर्मम हत्या के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया था। एक गांव में स्थित चौराहा का नाम बदलने को लेकर दो गुटो में खूनी संघर्ष हुआ था। हत्याकांड से पूर्व फरियादी पक्ष ने थाने में शिकायत करते हुए जान को खतरा बताया था। बावजूद इसके सूचना को बेहद हलके में लेते हुए कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद युवक की हत्या कर दी गई। बाद में ग्रामीणों ने गांव में शव रखकर प्रदर्शन किया, टीआई को हटाने की मांग की गई थी। इस मामले में इन्हें शो कॉज नोटिस भी जारी किया गया था।
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