भोपाल। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Senior leader and former Chief Minister Uma Bharti) ने शराबबंदी को लेकर एक बार फिर मुहिम छेड़ दी है। उन्होंने राज्य सरकार (State government) और प्रदेश संगठन को 15 जनवरी 2022 तक प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का अल्टीमेटम (Ultimatum) दिया है। उमा ने कहा कि ‘शिवराजजी और वीडी शर्माजी (Shivrajji and VD Sharmaji) का मानना है कि जागरूकता अभियान से शराबबंदी की जा सकती है।
मेरा माना है कि यह बिना लट्ठ के नहीं होगा। मैं 15 जनवरी तक लोकतंत्र का पालन करूंगी। शराबबंदी के लिए जागरूकता अभियान से काम चलाऊंगी। हालांकि बदलती भाजपा उमा (Uma) को उतनी गंभीरता से नहीं लेती, जितनी पहले लिया जाता था। संघ भी अब उमा को लेकर पहले की तरह गंभीर नहीं है। उमा (Uma) ने कहा कि मुख्यमंत्री से कहा था कि अबकी बार की सरकार गांधी जी के आदर्शों पर चले। मैं जब मुख्यमंत्री बनी थी, तब घोषणा पत्र में नहीं डाला था कि शराबबंदी करेंगे, लेकिन यह मेरी आत्मा में था। मैंने अधिकारियों से कहा था कि रेवेन्यू के लिए अलग से रास्ता निकालें। भारती ने कहा कि कोरोना (Corona) में यह देखा गया कि एक भी व्यक्ति शराब से नहीं मरा, क्योंकि दुकानें बंद थीं। उमा भारती ने लट्ठ को लेकर स्पष्ट किया कि इससे तात्पर्य सख्त कानून से हैं।
पहले पहले दे चुकी है अल्टीमेट
शराबबंदी की मांग को लेकर उमा भारती ने पहली बार सरकार को चेतावनी नहीं दी है। पहले भी वे शराबबंदी का मुद्दा छेड़ चुकी है, लेकिन फिर अचानक शराबबंदी की मांग से पीछे हट गई थीं। हालांकि तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घर जाकर उमा से शराबबंदी को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद उमा ने फिर कभी शराबबंदी की सार्वजनिक तौर पर मांग नहीं उठाई। अब वे एक बार फिर शराबबंदी को लेकर सक्रिय हो रही हैं।
गंगा यात्रा से लौटकर चलाऊंगी मुहिम
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं नवरात्रि से गंगा जी की यात्रा पर जाऊंगी। इसका अक्षय तृतीया पर गंगा सागर में विसर्जन होगा। इसके बाद शराबबंदी की मुहिम में जुट जाऊंगी। 15 जनवरी के बाद अभियान का नेतृत्व खुद करूंगी। मैं सड़क पर आ जाऊंगी। उमा भारती ने कहा कि इस अभियान से मध्यप्रदेश की सरकार मजबूत होगी। उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के शराबबंदी के मॉडल की तारीफ की।
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