img-fluid

बहुत ही रोचक है मूषक का गणेश जी की सवारी बनने की कहानी, जानें मुनिवर के श्राप से कौन बना मूषक

September 19, 2021

गणेश महोत्सव (ganesh mahotsav) 10 सितंबर से आरंभ हो चुका है। भक्तों ने घरो में गणपति की स्थापना (ganpati sthapna) कर ली है। 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान गणेश जी (ganesh ji) से जुड़ी हर चीज और किस्से को जानना शुभ माना जाता है. इन दिनों में गणपति की खूब सेवा की जाती है. उनकी प्रिय चीजें उन्हें अर्पित की जाती हैं। हिंदू धर्म में गणेश जी का विशेष महत्व है।किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति की पूजा (ganpati puja) की जाती है. हिंदू धर्म में मौजूद सभी देवी-देवताओं की सवारी है। ऐसे ही बप्पा की सवारी है मूषक (bappa ki swari mushak) यानि चूहा। लेकिन क्या आप जानते हैं मूषक गणपति की सवारी कैसे बना और ऋषियों ने किसे वरदान देकर मूषक बना दिया था? नहीं, तो आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।

गणेश पुराण में गणेश जी की सवारी मूषक की कहानी का वर्णन किया गया है. बहुत ही रोचक है क्रौंच के मूषक और मूषक के गणपति की सवारी बनने की कहानी. गणेश पुराण में बताया गया है कि गणेश जी का मूषक पहले जन्म में एक गांधर्व था, जिसका नाम क्रौंच था. एक बार इंद्र देव की सभा के दौरान गांर्धव वहां से बाहर जाना चाहता था और असावधानी के कारण उसका पैर मुनिवर बामदेव को लग गया. मुनिवर ने सोचा की गांधर्व ने ऐसा जानकर किया और अपना अनादर देखकर उन्होंने क्रौंच का श्राप दे दिया कि तू मूषक बन जाए. गांधर्व डर के मुनि से प्रार्थना करने लगा, तब दयालु मुनि ने उसे बोला कि जा तू गजानन का वाहन होगा, तभी तेरा दुख दूर हो पाएगा।

लेकिन मुनि के आर्शीवाद के बाद गांधर्व बहुत ही विशालकाय मूषक बन गया था. वे इतना विशाल था कि रास्ते में आने वाली सभी चीजों को नष्ट कर देता था। गांधर्व मुनि के श्राप के बाद बेहोश होकर उसी समय महर्षि पराशर ऋषि के आश्रम में गिर गया. मूषक देखने में बहुत ही भयानक, बड़े-बड़े और तीक्ष्ण दांत देखकर भय उत्पन्न हो रहा था। इस विशालकाय मूषक ने आश्रम में उत्पाद उत्पन्न कर दिया. मिट्टी के पात्रों को तोड़-फोड़ कर सारा अन्न समाप्त कर दिया।ऋषियों के कपड़ों को कुतर-कुतर कर फाड़ डाला, सभी ग्रंथों को काट डाला. उस समय वहां गणेश जी भी मौजूद थे।

आश्रम की ऐसी हालत देखकर गणेश जी ने मूषक को सबक सिखाने की सोची. मूषक को पकड़ने के लिए गणेश जी ने अपना पाश (जिसमें कोई वस्तु फंसाई जाती है) फेंका. पाश मूषक का पीछा करता हुआ पाताल लोक तक पहुंच गया और मूषक का कंठ बांध लिया. विशालकाय मूषक भयभीत होकर बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो मूषक मे खुद को गणेश जी के सम्मुख पाया. गणेश जी को सामने देख उसने प्रभु के चरणों में सिर झुकाया और तुंरत उनकी अराधना शुरू कर दी और अपने प्राणों की भीख मांगने लगा. गणेश जी इससे प्रसन्न हो गए और मूषक को बोला कि जो वरदान मांगना है मांग लो। लेकिन मूषक का अंधकार फिर से जाग गया और बोला मुझे कुछ नहीं मांगना. लेकिन आप मुझसे कुछ भी याचना कर सकते हैं। मूषक की ये बात सुनक गणेश जी मुस्कुराएं और बोले, तू मेरा वाहन बन जा। गणेश जी की ये बात सुनते ही मूषक ने तथास्तु कह दिया. गणेश जी मुस्कुराते हुए तुंरत उस के ऊपर सवार हो गए।

Share:

भागीरथपुरा मेनरोड पर पानी भराया तो लोगों के दबाव में अवैध कालोनी की दीवार तोड़ी

Sun Sep 19 , 2021
जहां से बारिश का पानी निकलता है वहां खड़ी कर दी थी दीवार, सडक़ पर भर गया था 2 से ढाई फीट पानी इंदौर । शहर में बारिश (rain) के कारण जगह-जगह पानी भरने की समस्याएं सामने आ रही हैं। कल भागीरथपुरा मेनरोड (Bhagirathpura main road) पर पानी (water) भराने के बाद रास्ता बंद (road […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved