नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) की दो सबसे सफल टीमें मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स (Mumbai Indians and Chennai Super Kings) एक बार फिर से आमने-सामने होंगी। दुबई में 19 सितंबर (रविवार) को होने वाले इस मुकाबले में धोनी (Dhoni) की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स जब मैदान में उतरेगी तो उसे पोलार्ड की वह पारी जरूर याद आएगी जिसमें उन्होंने अकेले दम पर मैच को पलटकर रख दिया था। हम बात कर रहे हैं भारत में इसी साल एक मई को हुए पहले चरण के उस मुकाबले की जिसमें पोलार्ड ने अपनी आतिशी पारी के दम पर सीएसके की मुट्ठी से मैच को निकाल लिया था। ऐसे में आइए जानते हैं उस रोमांचक मुकाबले का पूरा हाल।
डुप्लेसिस-अली की अर्धशतकीय पारियां
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitley Stadium in Delhi) में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा (Mumbai Indians captain Rohit Sharma) ने टॉस जीता और धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही और चार रन के स्कोर पर ही ऋतुराज गायकवाड़ (Rituraj Gaikwad) बोल्ट की गेंद पर पवेलियन लौट गए। हालांकि इसके बाद मोईन अली (58) और फाफ डुप्लेसिस (50) ने जबरदस्त बल्लेबाजी की और दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की।
दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने-अपने अर्धशतक भी पूरे किए और टीम के स्कोर को 11वें ओवर में 112 रन तक पहुंचा दिया। इससे पहले कि दोनों खिलाड़ी अपनी साझेदारी को बड़ी कर पाते, जसप्रीत बुमराह ने मोईन अली को डिकॉक के हाथों कैच कराकर मुंबई को बड़ी सफलता दिलाई। इसके बाद महज चार रन के अंदर ही चेन्नई ने डुप्लेसिस और रैना के विकेट भी गंवा दिए।
रायुडू का 20 गेंदों में अर्धशतक
एक समय सीएसके का स्कोर 12 ओवर के बाद 116/4 हो गया था। लेकिन इसके बाद पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे अंबाती रायडू ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और महज 20 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। पारी की समाप्ति पर वह 27 गेंदों में 72 रन बनाकर नाबाद रहे। यही नहीं उन्होंने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की और मुंबई के सामने 219 रनों का विशाल लक्ष्य रख दिया। चेन्नई की टीम 2008 के बाद पहली बार मुंबई के खिलाफ 200 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करने में सफल रही। मुंबई की तरफ से पोलार्ड सबसे सफल गेंदबाज रहे, उन्होंने दो ओवर में 12 रन देकर दो बड़े विकेट अपने नाम किए।
मुंबई की मजबूत शुरुआत
लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई की टीम को कप्तान रोहित शर्मा और क्विंटन डिकॉक ने मिलकर एक मजबूत और तेज शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए आठवें ओवर में ही 71 रन जोड़ दिए। हालांकि शार्दूल ठाकुर ने रोहित को आउट कर मुंबई को पहला झटका दिया। इसके बाद देखते ही देखते मुंबई ने 10 रन के अंदर सूर्यकुमार यादव और डिकॉक के विकेट भी गंवा दिए। मुंबई का स्कोर भी तीन विकेट के नुकसान पर 81 रन हो गया और वह मुश्किल में दिखने लगी। हालांकि इसके बाद क्रुणाल पांड्या और कीरोन पोलार्ड ने पारी को संभाला और तेजी से रन बटोरे। दोनों ने मिलकर सिर्फ 41 गेंदों में ही 89 रनों की साझेदारी कर डाली।
करन ने मैच को बनाया रोमांचक
दोनों के बीच होती साझेदारी को देख धोनी ने 17वें ओवर में गेंद सैम करन को दी और उन्होंने आते ही क्रुणाल को पवेलियन की राह दिखा दी। क्रुणाल के आउट होने के बाद हार्दिक ने भी तूफानी शुरुआत की और 19वें ओवर में करन के ओवर में लगातार दो छक्के जड़े लेकिन चौथी गेंद पर एक और छक्का लगाने की कोशिश में वह डुप्लेसिस को कैच थमा बैठे। इसी ओवर की आखिरी गेंद पर जेम्स नीशम भी ठाकुर को कैच थामकर चलते बने। यहां से एक सैम करन ने एक बार फिर से मैच को चेन्नई की तरफ मोड़ दिया।
मुंबई को आखिरी ओवर में चाहिए थे 16 रन
मुंबई की टीम को अब जीत के लिए आखिरी ओवर में 16 रन की दरकार थी और पोलार्ड के सामने थे लुंगी एनगिडी। पोलार्ड ने यहां कोई ढिलाई नहीं बरती और ओवर की दूसरी और तीसरी गेंद पर चौका जड़ा, इसके बाद उन्होंने पांचवीं गेंद पर छक्का लगाने के बाद अंतिम गेंद पर दो रन लेकर टीम को यादगार जीत दिला दी।
पोलार्ड का 17 गेंदों में पचासा
पोलार्ड ने मैदान में उतरने के साथ ही अपने इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने जडेजा के द्वारा किए गए 13वें ओवर में तीन और 14वें ओवर में लुंगी एनगिडी के खिलाफ दो छक्के जड़े। पोलार्ड यहीं नहीं रुके और उन्होंने अगले ओवर में शार्दूल का स्वागत भी छक्के के साथ किया और लगातार तीन चौके लगाकर 17 गेंदों में मौजूदा सत्र का सबसे तेज अर्धशतक पूरा किया। पोलार्ड मैच की समाप्ति पर 34 गेंदों में 87 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने अपनी आतिशी पारी में छह चौके और आठ छक्के लगाए।
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