पटना. इन दिनों देश के कई राज्यों में वायरल फीवर और डेंगू का कहर बरप रहा है. सैंकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इन दोनों बीमारियों के कारण तकरीबन 100 लोगों की मौत हो चुकी है. बच्चे भी बड़ी संख्या में इसके शिकार हो रहे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में अगस्त के दूसरे सप्ताह में जब बुखार के मामले आने शुरू हुए तो स्थानीय अधिकारियों ने इसे मिस्ट्री फीवर बताया था. बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस डेंगू बताया. वहीं, बिहार और मध्य प्रदेश में वायरल फीवर के दर्जनों मामले सामने आए हैं. बिहार की राजधानी पटना के सभी बड़े अस्पतालों में बच्चा वार्ड फुल हो गए. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में भी वायरल फीवर के अत्यधिक मामले आने से अस्पतालों पर दबाव काफी बढ़ गया है. हरियाणा में भी हालात चिंताजनक हैं.
बिहार : बिहार की राजधानी पटना के दो अस्पतालों में सितंबर में 14 बच्चों की मौत हो गई. इन बच्चों की मौत रेस्पेरेटरी निमोनिया के कारण होने की आशंका जताई जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि हाई ग्रेड फीवर से ग्रसित बच्चों के श्वसन तंत्र में दिक्कत आने के मामले बढ़े हैं. पीएमसीएच और एनएमसीएच में निमोनिया के कारण 7-7 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है.
मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश में भी वायरल फीवर कहर बरपा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 45 दिनों में प्रदेश में हाई ग्रेड फीवर के 3000 मामले सामने आ चुके हैं. छह लोगों की मौत भी हुई है. इनमें से 1400 मामले तो पिछले 2 सप्ताह में सामने आए हैं. मंदसौर सबसे प्रभावित जिला है. यहां वायरल फीवर के अब तक 886 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, जबलपुर में 436 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश : फिरोजाबाद में डेंगू से 61 लोगों के मौत होने की पुष्टि की गई है. इनमें से 50 बच्चे हैं. फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में अभी डेंगू से पीड़ित 490 बच्चे एडमिट हैं. मथुरा में हाई फीवर से अब तक 11 लोगों के मौत की पुष्टि की गई है. वहीं, आगरा में डेंगू के 25 मामले सामने आ चुके हैं.
हरियाणा : पलवल जले के चिल्ली और चिल्ला गांवों में मिस्ट्री फीवर का प्रकोप देखा गया है. यहां 9 सितंबर को पहली बार फीवर का पता चला. अभी तक 7 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि, बुखार आने की वजह की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है. स्वास्थ्य विभाग ने निमोनिया से भी मौत होने की आशंका जताई है.
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