80 हजार रुपए खर्च आया, पहला प्रयोग सफल होते ही अन्य गाडिय़ां भी बनाएंगे
इंदौर।
नगर निगम वर्कशाप विभाग (Municipal Corporation Workshop Department) लगातार नए-नए प्रयोग कर निगम का खर्च बचाने के साथ-साथ नई गाडिय़ों का निर्माण कर रहा है। इससे पहले कई अन्य वाहनों को भी ट्रैक्टर ( Tractor), टैंकर बनाने से लेकर कई छोटे वाहन बनाए गए थे। हाल ही में बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी बनाई गई है, जिस पर 80 हजार रुपए का खर्च आया है।
नगर निगम वर्कशाप विभाग (Municipal Corporation Workshop Department) ने इससे पहले विशालकाय पोकलेन मशीन (Giant Poklane Machine) भी बनवाई थी, जो अधिक ऊंचाई तक जाकर तोडफ़ोड़ कर सकती है। इसके लिए कुछ कम्पनियों से संसाधन लेने के लिए तमाम मशक्कत हुई थी। वहीं खटारा गाडिय़ों को सुधार कर नए नए वाहन बनाए गए। इनमें उद्यान विभाग की एक कचरा गाड़ी भी है, जिसे बेहतर ढंग से बनाया गया है, वहीं कोरोनाकाल के दौरान एम्बुलेंस की कमी पडऩे पर पांच एम्बुलेंस (Ambulance) वर्कशाप विभाग में ही बना ली गई थी। एटूजेड कंपनी (EtoZ Company) द्वारा खटारा किए गए वाहनों पर भी कई प्रयोग कर उन्हें चलने लायक बना दिया गया था। अभी भी वहां कई प्रयोग चल रहे हैं और अब बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी बनाई गई है। इसके लिए कई दिनों से वर्कशाप विभाग के मैकेनिकों की टीम मशक्कत में जुटी थी।
शहर के अलग-अलग स्थानों से इकट्ठा किए पाट्र्स
वर्कशाप विभाग के प्रभारी मनीष पांडे के मुताबिक वर्कशाप विभाग में बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी बनाई गई है, जो बेहद छोटी है और तंग गलियों से कचरा उठाने का कार्य कर रही है। इस वाहन को झोन क्रमांक चार पर दिया गया है और प्रयोग अगर सफल रहा तो ऐसी अन्य गाडिय़ां भी बनाई जाएगी। विभिन्न दुकानों से पाट्र्स मंगवाए गए और बैटरी चलित यह वाहन निगम को बनाने में 80 हजार रुपए खर्च करने पडे।
कम्पनियों से आधे दाम में तैयार कर दी गाड़ी
अधिकारियों के मुताबिक बैटरी (battery) से चलने वाली छोटी ई रिक्शाएं (e rickshaws) मार्केट में एक लाख से लेकर दो लाख रुपए तक के बीच मिलती है और इनमें कई अलग-अलग मॉडल है, निगम ने अपने स्तर पर ही वर्कशाप में पुरानी गाडिय़ों पर बैटरी चलित वाहन तैयार करवा दिया और इसे प्रयोग के तौर पर फिलहाल तंग गलियों में दौड़ाया जा रहा है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो कुछ अन्य गाडिय़ां भी आने वाले समय में तैयार कराई जाएंगी।
वाहनों के नियमित मेन्टेनेंस से लाखों की बचत
नगर निगम (municipal Corporation) के करीब 400 से ज्यादा कचरा उठाने वाले वाहनों के अलावा कई बड़े वाहनों के मेन्टेनेंस (Maintenance) के लिए कड़े नियम वर्कशाप विभाग (Workshop Department) द्वारा लागू किए गए हैं। सभी झोनल अधिकारियों और विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके यहां आवंटित वाहनों की समय पर सर्विसिंग कराने के साथ-साथ मेन्टेनेंस के कार्य पूरे करा लिए जाए और इसके लिए अलग-अलग समयावधि तय कर दी गई है। इसी के चलते वाहनों की नियमित सर्विसिंग और मेन्टेनेंस के चलते निगम के वाहन बार-बार खराब नहीं होते और इससे निगम को लाखों की बचत तो हो ही रही है। साथ ही गाडिय़ां भी सही समय पर वार्डों में पहुंच रही हैं।
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