तनाव या स्ट्रेस से हर व्यक्ति जूझता है। यह हमारे मन से संबंधित रोग होता है। हमारी मनस्थिति एवं बाहरी परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं सामंजस्य न बनने के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव के कारण व्यक्ति में अनेक मनोविकार पैदा होते हैं। वह हमेशा अशांत एवं अस्थिर रहता है।
डिप्रेशन कुछ समय पहले तक हमारे देश में काफी अंडररेटेड टर्म था। मेंटल हेल्थ को फिजिकल हेल्थ (physical health) की तुलना में जरा भी महत्व नहीं दिया जाता था। हालांकि बदलते वक्त के साथ इस ओर लोगों का नजरिया बदला है। मेंटल हेल्थ सही रखनी हो तो डिप्रेशन से बचना बहुत जरूरी हो जाता है। इस बीमारी की समस्या यह है कि इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है। हम लाए हैं यहां कुछ बिंदु जिनकी सहायता से आप जान सकते हैं कि कहीं आप या आपका कोई करीबी डिप्रेशन में तो नही।
चिड़चिड़ापन –
अगर पहले आपका दोस्त या जानने वाला अक्सर हंसता-मुस्कुराता (laughing and smiling) रहता था और अब बात-बात पर चिड़चिड़ाता है तो उसके बिहेवयर पर ध्यान दें। कभी कभी नाखुश रहना या किसी बात पर तुनक जाना गलत नहीं पर हर छोटी-बड़ी बात पर अगर कोई तुनका ही रहता है तो मलतब कि कुछ समस्या है।
वेट घटना –
बिना किसी बात के वजन घटना भी डिप्रेशन (depression) का लक्षण हो सकता है। अगर कोई डाइट या वर्कआउट कुछ भी नहीं कर रहा है और उसे कोई बीमारी भी नहीं है फिर भी उसका वजन कम (lose weight) हो रहा है तो मतलब ये कि वजन चिंता से कम हो रहा है।
सेक्स में अरुचि होना –
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति को सेक्स में रुचि कम हो जाती है। उसके पार्टनर के साथ ही बाकी लोगों से भी रिश्ते खराब होते हैं। अगर आप अपने दोस्त के इतने नजदीक हों और वह आपसे यह शेयर करे कि उसे अपने पार्टनर (partner) के नजदीक जाना अब अच्छा नहीं लगता तो इस बात को सीरियसी लें।
अपने में ही डूबे रहना –
डिप्रेस्ड व्यक्ति के आसपास कितना भी कुछ भी एक्साइटेड हो रहा हो, उसे किसी चीज में मजा नहीं आता। वह अपने ही ख्यालों में डूबा रहता है। अक्सर उसके दोस्त उसे चिढ़ाते हैं कि ये तो लॉस्ट रहता है। तो अगर आपका कोई दोस्त इधर खोया-खोया दिखे तो उसे समय दें, उससे बात करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्यता व सटीकता की जांच का दावा नही करते हैं । कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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