भोपाल। गूगल (Google) से भी सटीक जानकारी पाने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) ने प्रदेश में 80 स्थानों पर अभी तक नया कोर्स (Computer Operating Reference System) नेटवर्क स्थापित किया है। इस सिस्टम से 80 किमी की रेंज में पूरी मैपिंग की गणना, एक-एक कोने की जानकारी सैटेलाइट सिस्टम (Satellite System) के माध्यम से रिकॉर्ड पर ली जाएगी। पूरे मप्र में 90 सिस्टम लगाए जा रहे। इस सिस्टम के लगाए जाने से अब गूगल (Google) से ज्यादा सटीक नक्शे दिखेंगे।
सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) के अनुसार कुछ और जिलों में ये सिस्टम लगने के बाद टेस्टिंग शुरू होगी। इसके बाद यह सिस्टम पूरे देश में एक साथ लागू किया जाएगा, जिससे देहरादून स्थित सेंटर पर सभी रिकॉर्ड की जानकारी जमा होगी। दो से तीन साल में यह नेटवर्क वर्किंग में आ जाएगा और मोबाइल एप (Mobile App) के माध्यम से इस जानकारी का उपयोग आम व्यक्ति भी कर सकेगा। एक समान जियो-पोजिशनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर (Satellite System) के लिए यह सिस्टम तैयार हो रहा है।
एकदम सटीक जानकारी मिलेगी
इस पूरे सिस्टम की सटीकता गूगल से भी अधिक बताई जा रही है। किसी गली, जगह की जानकारी में एक मीटर से भी कम अंतर रह जाएगा। इसमें हर जिले की एक-एक इंच की जमीन की जानकारी अपलोड होगी। इससे फसल सर्वे करना, राजस्व रिकॉर्ड रखना, जमीन की नपती एक दम सटीक तरीके से रखना आसाना होगा।
सैटेलाइट से लिंक रहेगा
सर्वे ऑफ इंडिया के इंजीनियर और इंदौर में सेटअप लगाने वाले राकेश यादव ने कहा एक सेटअप में डेढ़ करोड़ का खर्च आता है। सेटअप के बाद टेस्टिंग, चेकिंग होगी, इससे बारीक से बारीक जानकारी मिलेगी। गौरतलब है कि साल 1767 में ब्रिटिश सर्वेयर जॉर्ज एवरेस्ट और उनके उत्तराधिकारी विलियम लैंबटन ने पहली बार वैज्ञानिक रूप से देश का नक्शा तैयार किया था। इसके बाद यह मैप बनाया जा रहा है।
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