मच्छरों को आप हल्के में लेने की गलती ना करें, क्योंकि इन्हीं मच्छरों के काटने से कई जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। जैसे- डेंगू (Dengue)के मच्छर के काटने से शरीर में तेजी से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। बदलते मौसम में बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार इम्यूनिटी कमजोर होने से बॉडी तेजी से वायरल फीवर (Viral Fever) की चपेट में आने लगती है। इस दौरान आये फीवर को दवाइयों या फिर घरेलू नुस्खों से दूर किया जा सकता है, लेकिन मच्छर से काटे जाने वाली बीमारियां जैसे- मलेरिया, डेंगू (Dengue) आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। बता दें कि डेंगू (Dengue)…मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर खासकर सुबह अटैक करते हैं। ये मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक उड़ पाने में असमर्थ होते हैं। इन मच्छरों (mosquitoes) की पहचान के लिए बता दें कि इनके शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं।
बचाव के लिए करें ये उपाय (Take These Measures To Protect)
हर्बल टी (herbal tea) बेस्ट ऑप्शन है, इसे पीने से बॉडी के हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। वहीं, रोग प्रतिरोधक भी बढ़ती है। रोजाना दो से तीन बार हर्बल टी जरूर पियें।
डेंगू में होने वाले स्किन रैशेज से नीम (Neem tree) छुटकारा दिलाता है। नीम की ब्लड प्लेटलेट काउंट और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने में मददगार हैं। इसके लिए आप पानी में नीम की पत्तियां उबाल लें। इसका काढ़ा पियें। इसके अलावा घर से मच्छरों को भगाने के लिए नीम का छिड़काव करें।
पपीते (Papayas) की पत्तियां डेंगू के इलाज में कारगर है। इसके लिए आप पपीते की पत्तियों को पीसकर, उसे एक कपड़े से निचोड़ कर उसका रस निकाल लें और जो ग्रसित है उसे पिलायें। इसकी पत्तियां ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में सहायक हैं।
डेंगू के खतरे को कम करने के लिए गेहूं की घास यानि कि जवारे का रस पियें। ये रक्त में प्लेटलेट्स का निर्माण तेजी से करता है। इसे रोजाना दो से तीन बार पीना चाहिये।
डेंगू का बुखार होने पर बकरी का कच्चा दूध जरूर पियें। ये खून की कमी दूर करने के साथ-साथ प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। शरीर और जोड़ों के दर्द को भी दूर करता है।
किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए गिलोय का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। साथ ही लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है। इसे तुलसी के साथ काढ़ा बनाकर पीना चाहिये। इसके अलावा आप दिन में दो से तीन बार इसका जूस या फिर इसकी गोलियां खा सकते हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में समझें। कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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