नई दिल्ली। अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबान की सरकार(Taliban Government) बनने के बाद से पूरी दुनिया पर फिर बड़े आतंकी हमलों (terrorist attacks) का खतरा मंडराने लगा है. कहा जा रहा है कि 20 साल बाद फिर अफगानिस्तान आतंकियों (Afghanistan terrorists) का मजबूत गढ़ बन सकता है. इसी कड़ी में अब यूके के जासूस प्रमुख (UK spy chief) ने बड़ा बयान दिया है. उनके मुताबिक पश्चिमी देशों में तालिबान के आने के बाद अलकायदा स्टाइल आतंकी हमले यानी 9/11 जैसे हमले बढ़ सकते हैं.
अलकायदा स्टाइल आतंकी हमले का खतरा बढ़ा
MI5 के डायरेक्टर जनरल कैन मेकलम ने कहा कि तालिबान के आने के बाद यूके को ज्यादा खतरा हो सकता है क्योंकि अब NATO की सेना भी अफगानिस्तान से जा चुकी है और वहां पर अब कोई लोकतांत्रिक सरकार भी नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि आतंकवादी खतरे रातों रात कभी नहीं बदलते हैं. ट्रेनिंग कैंप और उसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में पूरा समय लगता है.
यूके को क्या चिंता है?
कैन मेकलम के मुताबिक पिछले 10 सालों में कई मौकों पर यूके में ऐसे आतंकी हमले होते देखे गए हैं जहां पर आतंकी किसी ना किसी विचारधारा से प्रेरित होते हैं. ऐसे में उनकी माने तो सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि एक बार फिर अलकायदा स्टाइल के आतंकी हमले होते दिख सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि साल 2005 में ब्रिटेन में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था. तब ट्रेन और बस में कुल 52 लोगों को सुसाइड बॉम्बर द्वारा मार दिया गया था.
यूके की क्या रणनीति?
वहीं जनरल कैन मेकलम ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि असल में 9/11 के 20 साल बाद यूके में आतंकी हमले ज्यादा बढ़े हैं, सिर्फ फर्क इतना है कि अब छोटे स्तर पर ऐसे हमले होते दिख जाते हैं. लेकिन चाकू और बंदूक के दम पर लगातार कई मासूमों की जान ली जा रही है. अब इस बीच यूके को तालिबान राज से भी डर लगने लगा है. चेतावनी जरूर सिर्फ पश्चिमी देशों के लिए जारी की गई है, लेकिन जैसी रणनीति तालिबान अपना रहा है, उसे देखते हुए पूरी दुनिया के सामने कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
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