चंडीगढ़। हिसार के एक शख्स को उसकी पत्नी से इस आधार पर तलाक मिल गया है कि शादी के बाद पत्नी के अत्याचारों की वजह से उसका वजन 21 किलो तक घट गया। पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) हाई कोर्ट ने हिसार फैमिली कोर्ट के आदेश के बरकरार रखते हुए पीड़ित की दलील स्वीकार कर ली। पीडि़त शख्स दिव्यांग है, उसे सुनने में कठिनाई होती है।
फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ उस शख्स की पत्नी ने हाई कोर्ट में अपील की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि महिला ने अपने पति और उसके परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा के जो केस दर्ज कराए थे न केवल झूठे थे बल्कि वे ऐसी मानसिक क्रूरता के उदाहरण थे जिनकी वजह से पीडि़त शख्स को शारीरिक नुकसान हुआ।
जस्टिस रितु बाहरी और अर्चना पुरी की डिविजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के 27 अगस्त 2019 को सुनाए गए तलाक के फैसले को बहाल करते हुए महिला की अपील खारिज कर दी। दंपति की अप्रैल 2012 में शादी हुई थी और दोनों के एक बेटी भी है।
पुरुष की दलील थी कि उसकी पत्नी गुस्सैल और फिजूलखर्च है। उसने कभी भी पति के परिवार के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश नहीं की। वह छोटी-छोटी बातों में लड़ाई करने लगती थी जिसका वजह से पति को अपने परिवार के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था। पति यह सोचकर चुप रहा कि शायद एकदिन उसकी पत्नी को समझ आ जाएगी। लेकिन उसके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया।
लेकिन सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट (High Court) ने पाया कि महिला साल 2016 में अपने पति को और बेटी को छोड़कर चली गई थी। उसने कभी बेटी से मिलने की कोशिश भी नहीं की। यह भी पता चला कि पति और उसके परिवार ने कभी दहेज की मांग नहीं की। इतना ही नहीं उन्होंने तो शादी के बाद उसकी उच्च शिक्षा का खर्च तक उठाया था। कोर्ट ने यह भी पाया कि उसने अपने पति और उनके परिवारवालों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराईं थीं।
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