नई दिल्ली: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया है. खूंखार आतंकियों को प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक बनाया गया है. यूएन की आतंकियों की सूची में शामिल मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है जबकि अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी (Most Wanted Terrorist) सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को गृह मंत्री बनाया गया है. मुल्ला बरादर डिप्टी पीएम होगा.
भारत को मानता है नंबर-1 दुश्मन
भारत को नंबर-1 दुश्मन मानने वाला सिराजुद्दीन हक्कानी FBI की हिटलिस्ट में शामिल है. अमेरिका ने इस आतंकी पर 5 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 38 करोड़ रुपये का इनाम भी रखा हुआ है.
इस पद के लिए अड़ा था आतंकी
जानकारी के मुताबिक हक्कानी पहले रक्षा मंत्री के पद के लिए अड़ा हुआ था. इस कारण उसकी मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से झड़प भी हुई. लेकिन बाद में वह मान गया और इस तरह से हक्कानी नेटवर्क का सरगना अफगानिस्तान के गृह मंत्री पद के लिए राजी हुआ.
पाकिस्तान से हक्कानी का नाता
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाता पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान इलाके से है. उसके आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के अल-कायदा से भी करीबी संबंध रहे हैं. एक समय पर हक्कानी ने पाकिस्तान में रहकर अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे. इनमें अमेरिका और नाटो सेनाओं को निशाना बनाया गया था. इसके अलावा 2008 में हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी सिराजुद्दीन हक्कानी शामिल रहा है.
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी बना शिक्षा मंत्री
तालिबान ने अब्दुल बाकी हक्कानी (Abdul Baqi Haqqani) को शिक्षा मंत्री का पद दिया है. बता दें कि अब्दुल भी एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है और संयुक्त राष्ट्र ने उसे 2001 से ब्लैक लिस्ट किया हुआ है. सोचिए जब एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी शिक्षा मंत्री होगा तो अफगानिस्तान की शिक्षा की कैसी हालत होगी. इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए नए नियम बना दिए हैं.
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