रांची। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान (former captain of team india) महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) एक अच्छे खिलाड़ी होने के साथ-साथ बाजार के भी सिरमौर बनते जा रहे हैं. राजधानी रांची के बाजारों में अपनी किसानी का कमाल दिखाने के बाद अब धौनी गो-पालन में भी सबसे आगे दौड़ते नजर आ रहे हैं. धोनी के शैंबो फार्म हाउस (Shambo Farm House) में इस समय कई तरह की 150 से ज्यादा नस्ल की गायें हैं. फार्म हाउस से हर दिन राजधानी के बाजारों में 500 लीटर से ज्यादा दूध पहुंच रहा है. जो उनके आउटलेट पर बेचा जा रहा है. हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए दूधों की ज्यादातर होम डिलीवरी ही की जा रही है. लेकिन फिर भी कुछ लोग मॉर्निंग वॉक के दौरान आउटलेट पर दूध खरीदने हर दिन पहुंचते हैं।
आउटलेट संचालक शिवनंदन ने बताया कि हर दिन ईजा फार्म हाउस से 500 लीटर से ज्यादा दूध रांची के तीन आउटलेट में पहुंच रहा है. हालांकि संक्रमण को देखते हुए इनदिनों होम डिलिवरी ही ज्यादा की जा रही है. बावजूद कुछ लोग जरूर आउटलेट पर पहुंचते हैं. शिवनंदन की माने तो ईजा फार्म हाउस के दूध की क्वालिटी काफी बेहतर होती है. इसमें शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है. ताकि कस्टमर को किसी तरह की कोई शिकायत न हो।
धोनी के आउटलेट पर फिलहाल तीन तरह के दूध बेचे जा रहे हैं. जिसमें होजन फ्रीजन की दूध 55 रुपए प्रति लीटर, साहिवाल नस्ल की गाय की दूध की ₹90 प्रति लीटर जबकि गुजरात के गिर नस्ल की गाय का दूध ₹130 प्रति लीटर बिक रहा है. इनमें गुजरात के स्वर्णगिर गाय की दूध सेहत के लिहाज से काफी पौष्टिक और हाइजेनिक मानी जाती है. यह दूध देखने में हल्का क्रीम रंग का होता है. संक्रमण को देखते हुए इनदिनों बोतल में बंद कर दूधों की होम डिलिवरी की जा रही है।
ईजा फार्म हाउस के दूध के नियमित कस्टमर डॉ. जितेंद्र कुमार की माने तो धौनी के फार्म हाउस के दूध के कोई मुकाबला नहीं है. डॉक्टर साहब बड़े जोश और उत्साह से बताते हैं कि इन दूधों में मिलावट की कोई संभावना नहीं होती. डॉ. जितेंद्र गुजरात के स्वर्णगिर गाय की दूध खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि संक्रमण काल में 130 रुपये लीटर वाली यह दूध बेहद फायदेमंद है. इसमें प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है. जिसकी कोरोना काल में सबसे ज्यादा जरूरत है।
वहीं दूसरे खरीददार सुप्रियो मुखर्जी की मानें तो आउटलेट से दूध खरीदने के लिए धोनी का भरोसा ही काफी है. उन्होंने कहा कि धोनी ने किसानी के साथ-साथ गो-पालन में भी खुद को साबित किया है. पिछले कई महीनों से साहिवाल नस्ल की दूध खरीद रहे सुप्रियो की माने तो आजतक दूध में कभी शिकायत नजर नहीं आयी।
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