शरीर के लिए हर एक विटामिन की अपनी अलग भूमिका है। जिस तरह से शरीर के लिए अन्य विटामिन्स की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार विटामिन डी भी शरीर के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण माना जाता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जोड़ों में दर्द, पीठ दर्द के अलावा मांसपेशियों (Muscles) में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। कई गंभीर मामलों में अर्थराइटिस, रिकेट्स और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) का खतरा हो सकता है।
आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और कम फिजिकल एक्टिविटीज (physical activities) के चलते विटामिन डी की कमी होती है। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं, लेकिन सूर्य विटामिन डी का एकमात्र सोर्स नहीं है। खानपान की कुछ ऐसी चीजें हैं जो विटामिन डी के बेस्ट सोर्स माने जाते हैं।
द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (The North American Menopause Society) के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी (vitamin D) से भरपूर फूड डायबिटीज के खतरे को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी फेफड़ों में पाए जाने वाले ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया (tuberculosis bacteria) से लड़ने में मदद कर सकता है। इसलिए अपने आहार में विटामिन डी से भरपूर खाने की चीजों को शामिल करने के कई फायदे हैं। आइए जानते हैं विटामिन डी से भरपूर खानपान की इन चीजों के बारे में….
अंडे–
अंडे पोषक तत्वों (nutrients) से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन, विटामिन डी, कैल्शियम और कई तरह के मिनरल्स होते हैं। इन्हें आप ब्रेकफास्ट में शामिल कर अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
दही
दही में 81% पानी होता है जो इसे पचाने में हल्का और आसान बनाता है। ये विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।
दूध-
बचपन से ही हमें दूध पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दूध में कैल्शियम और विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
मशरूम
मशरूम (Mushrooms) विटामिन डी का रिच सोर्स है। ये स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद होता है।
पालक
पालक, प्रोटीन और विटामिन डी से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से शरीर में विटामिन डी के साथ कई अन्य पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है।
सोयाबीन
सोयाबीन में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, ओमेगा- 3 फैटी एसिड, आयरन, विटामिन बी, जिंक, फोलेट, सेलेनियम आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में समझें। कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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