नई दिल्ली: कहते है शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि यदि भूलवश भाद्रपद मास की गणेश चतुर्थी को चंद्र-दर्शन Chandra Darshan हो जाय तो कलंक लगता है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है जो इस बार 10 सितंबर को पड़ रही है । इस दिन घर-घर गणपति (Ganpati) विराजते हैं। उत्सव के इस दिन में ख्याल रखें कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) के दिन चंद्रमा (Moon) न देखें। धर्म-पुराणों में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) को वर्जित बताया गया है। ऐसा करने से दोष लगता है। यदि गलती से चंद्रमा देख लें तो उससे लगने वाले दोष (Dosh) से बचने के लिए व्यक्ति को एक उपाय (Remedy) जरूर कर लेना चाहिए।
क्यों नहीं करना चाहिए चंद्र दर्शन
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करने का कारण एक कथा में बताया गया है। इसके मुताबिक जब चतुर्थी के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) को हाथी का मस्तक लगाया गया और वे उसके बाद पृथ्वी की परिक्रमा करके प्रथम पूज्य कहलाए तो सारे देवी-देवताओं ने उनकी वंदना की लेकिन चंद्र देव ने ऐसा नहीं किया।
चंद्रमा (Moon) को अपने रूप-रंग पर घमंड आ गया था। इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे। इस पर चंद्र देव डर गए और उन्होंने गणेश जी से माफी मांगी। तब भगवान ने उन पर दया करके कहा कि जैसे-जैसे सूर्य की किरणें फिर से चंद्रमा पर पड़ेंगी उनकी आभा वापस आ जाएगी। तब से ही गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) करना वर्जित हो गया, यदि कोई ऐसा कर ले उसे पाप लगता है साथ ही मान्यता है कि उस पर भविष्य में कोई बड़ा आरोप लगता है।
ऐसे दूर करें चंद्र दर्शन का दोष
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर यदि गलती से चंद्रमा देख लें तो इसके दोष से बचने के लिए पूरे भक्ति-भाव से ‘सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।।’ मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र दोष का बुरा असर व्यक्ति पर नहीं पड़ता है। इस मंत्र का जाप उन लोगों के लिए भी मददगार साबित होगा जिन पर किसी ने झूठा आरोप लगा दिया है। इस मंत्र का रोज 108 बार जाप करने से व्यक्ति आरोप मुक्त हो जाएगा।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी।
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