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मप्रः बाढ़ प्रभावितों को सर्वोच्च प्राथमिकता से प्रदान की गई सहायताः शिवराज

September 07, 2021

मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खाते में अंतरित की 31.51 करोड़ रुपये राहत राशि

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले में बाढ़ प्रभावितों को सर्वोच्च प्राथमिकता से राहत राशि और अन्य सहायता प्रदान की गई है। संबंधित कलेक्टर्स सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र हितग्राही सहायता प्राप्त करने से वंचित न हों।

मुख्यमंत्री चौहान सोमवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा 9 जिलों के 24 हजार 529 हितग्राहियों को 31 करोड़ 51 लाख रुपये की राहत राशि का अंतरण कर रहे थे। प्रदेश में अब तक एक लाख 27 हजार बाढ़ प्रभावित नागरिकों को 109 करोड़ 89 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह कार्यक्रम में मौजूद थे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत वर्चुअली शामिल हुए।

श्योपुर और अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों को ज्यों का त्यों बनाने का प्रयास, पुनर्निर्माण तेज करें
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गत दो माह संकट के रहे हैं। एक तरफ बाढ़ की स्थिति थी, वहीं दूसरी तरफ करीब डेढ़ दर्जन जिले कम बारिश से प्रभावित हुए हैं। कोरोना का संकट भी रहा। हम नागरिकों और सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी थी। सरकार ने प्रयास किया कि हर परिस्थिति में जनता को संकट से निकालें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विशेष योजना बनाकर बाढ़ प्रभावितों को विभिन्न तरह की क्षति के लिए राशि प्रदान करने का कार्य किया गया है। लोगों को हुए नुकसान से जिंदगी की गाड़ी पटरी से न उतरे, इसके लिए पूरी तत्परता और पारदर्शिता से राहत राशि प्रदान की गई है। पंचायत भवन पर हितग्राही सूची चस्पां कर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने से किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हो सकी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशि प्रदान करने के पूर्व हितग्राहियों के संबंध में दावे-आपत्ति का विकल्प भी दिया गया। कृषि फसलों की हानि के लिए अलग से राजस्व पुस्तक परिपत्र के अंतर्गत कार्यवाही हो रही है। उन्होंने कहा कि राशि वितरण में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार न हो, इसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। विद्युत उप केन्द्रों और सड़कों आदि की बाढ़ से हुई क्षति के पश्चात पुनर्निर्माण के कार्यों को भी समय पर करना आवश्यक है। इसके लिए सभी कलेक्टर, जन-प्रतिनिधि, क्राइसिस मैनेजमेंट समूह के सदस्यों से परामर्श कर पूर्ण करें। नहरों की मरम्मत का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जाए।

ग्वालियर-चंबल संभाग में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाएं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का कार्य कुछ कम हुआ है। अब इस कार्य को तेज करना आवश्यक है। आगामी 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिवस पर वैक्सीनेशन महाअभियान संचालित होगा। इसमें ग्वालियर और चंबल संभाग में वैक्सीनेशन कार्य की गति बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रयास यह है कि इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी पात्र लोगों को वैक्सीन का प्रथम डोज़ अनिवार्य रूप से लग जाए। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को जन-सहयोग और सावधानी से समाप्त करना होगा।

हितग्राहियों को प्रदान की गई सहायता – एक नजर में
पूर्व में प्रदेश के एक लाख 2 हजार बाढ़ प्रभावितों को 78 करोड़ 38 लाख रुपये की राहत राशि दी गई थी। आज शहरी क्षेत्र के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए प्रति हितग्राही 2.50 लाख रुपये के मान से स्वीकृत प्रकरणों में प्रथम किश्त की राशि प्रति हितग्राही एक लाख रुपये प्रदान की गई। ग्रामीण क्षेत्रों के क्षतिग्रस्त भवनों एवं रेत, पत्थर आदि आ जाने अथवा मिट्टी कटाव से खेतों को पहुँची क्षति के लिए भी राहत राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के नागरिकों को जो सहायता प्रदान की वह इस प्रकार है –

नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 23 निकायों के 975 हितग्राहियों को 9 करोड़ 75 लाख रुपये की प्रथम किश्त की राशि।

राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए 592 बाढ़ प्रभावितों को 5 करोड़ 63 लाख रुपये की राशि।

राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत जनहानि/पशुहानि/फसल क्षति में 23 हजार 554 बाढ़ प्रभावितों को 16 करोड़ 13 लाख करोड़ रुपये की राशि।

मुख्यमंत्री का हितग्राहियों से संवाद
मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास से हितग्राहियों को राशि का वितरण कर उनसे संवाद भी किया। उन्होंने श्योपुर के साबूलाल, बसंती और सीताराम से चर्चा कर प्राप्त राहत राशि की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ग्वालियर जिले के भितरवार के गोपाल, शिवपुरी जिले के जगन्नाथ बाथम, गुना जिले के खुमान सिंह अहिरवार से भी चर्चा की। इन सभी हितग्राहियों को तात्कालिक सहायता की राशि 5 हजार रुपये, बर्तन, वस्त्र आदि की क्षति के 6 हजार रुपये और आवास निर्माण की प्रथम किश्त की राशि प्राप्त हो चुकी है। इसके अलावा 50 किलो अनाज अथवा आटा भी बाढ़ की आपदा के समय तत्काल उपलब्ध करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से मकानों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखने का आग्रह भी किया।

मुख्यमंत्री के निर्देश
ग्वालियर और चंबल संभाग के जिन स्थानों पर बार-बार बाढ़ आती है, वहाँ यह विचार करें कि क्या ग्रामवासियों को उँचाई के स्थानों पर बसाया जा सकता है। इसके लिए अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाए।

-कोई भी पात्र हितग्राही सहायता से वंचित न रहे।

-हितग्राहियों की सूची पंचायत भवन में प्रदर्शित की जाए।

-खेतों में हुई क्षति से संबंधित राहत प्रदान करने की प्रक्रिया भी पूर्ण की जाए।

-नहरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए।

-कोरोना अनुकूल व्यवहार पर ध्यान देते हुए वैक्सीनेशन कार्य को गति दी जाए। (एजेंसी, हि.स.)

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