हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या मनाई जाती है। इस साल पिठोरी अमावस्या 6 सितंबर यानि आज, सोमवार को पड़ रही है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है। सोमवती अमावस्या इंसान को भाग्यशाली बना सकती है। हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पति को लंबी उम्र जैसे लाभ मिलते हैं। भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या 6 सितंबर यानी आज है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के दिन कौन से कार्य करने से बचना चाहिए।
अमावस्या पर किसी इंसान को श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए। इस समय बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं और मानव इन बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं। मानव इन बुरी आत्माओं या नकारात्मक शक्तियों से लड़ने में सक्षम नहीं होता है। ये नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने प्रभाव में ले लेती हैं। प्रायः जब कोई व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आता है तो उसका खुद पर काबू नहीं रहता। वह उनके वश में हो जाता है।
अमावस्या पर घर में पितरों की कृपा पाने के लिए घर में कलह का माहौल बिल्कुल नहीं होना चाहिए। लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए।
पिठोरी अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए। इस दिन पुरुष और स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है।
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा (worship) करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इसलिए पूजा करें, लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें। इससे धन की हानि होती है।
इस अमावस्या पर शराब और मांस इत्यादि से दूर रहें। सोमवती अमावस्या के दिन शेव, हेयर और नेल कटिंग ना करें। इन कामों को भी वर्जित किया गया है।
अगर पिठोरी अमावस्या का व्रत हैं तो श्रृंगार करने से बचें। सादगी अपनाएं। इस दिन चटाई पर सोना चाहिए और शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। दोपहर में सोने से भी परहेज करें।
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