उज्जैन। सोमवार को महाकाल की शाही सवारी परिवर्तित मार्ग से ही निकलेगी। माँग की जा रही थी कि शाही सवारी का स्वरूप और मार्ग को परम्परागत रखा जाए लेकिन कल बैठक में मौजूदा परिवर्तित मार्ग से ही सवारी निकालने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा अगले हफ्ते से भस्मार्ती में 50 फीसदी श्रद्धालुओं को प्रवेश देने पर भी सहमति बनी। अब वीआईपी प्रोटोकाल वालों को भी 100 रुपए की रसीद कटवाना अनिवार्य किया गया है।
महाकाल की शाही सवारी और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में सर्किट हाऊस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि महाकालेश्वर की शाही सवारी वर्तमान में निकाली गई सवारियों के अनुसार ही परिवर्तित मार्ग से निकाली जाये। पुजारी एवं कहारों के माध्यम से सवारी भव्यता से निकाली जाएगी। कोविड प्रोटोकॉल के कारण आमजन सवारी में नहीं रह सकेंगे। सवारी में पुलिस बैंड अपनी सेवा देगा। अगले सप्ताह से भस्म आरती में दर्शनार्थियों को क्षमता का 50 प्रतिशत प्रवेश दिया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि भस्म आरती में दर्शनार्थियों का गर्भगृह एवं नन्दी हॉल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भस्म आरती में प्रवेश ऑनलाइन बुकिंग से ही रहेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रोटोकॉल व्यवस्था से दर्शन करने वाले प्रत्येक दर्शनार्थियों को 100 रुपये की रसीद कटवानी होगी। विभिन धार्मिक पर्व मनाने के लिये पूर्व की भांति कोविड-19 गाईड लाइन का पालन किया जाएगा। सभी प्रकार के धार्मिक चल समारोह, जुलूस, रैली इत्यादि प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं होगा। इस तरह के आयोजन केवल धार्मिक स्थानों/परिसर के अंदर किये जा सकेंगे। बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया वर्चुअल रूप में उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ला, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, एडीएम एवं मन्दिर प्रबंध समिति प्रशासक नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, अपर कलेक्टर एवं यूडीए सीईओ एसएस रावत, अपर कलेक्टर जितेन्द्रसिंह चौहान, विवेक जोशी उपस्थित थे।
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