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भू-उपयोग परिवर्तन के साथ अवैध पट्टे भी होंगे निरस्त

September 03, 2021

  • तीन पूर्व सरपंचों पर गिरेगी गाज… नियम विरूद्ध बांट दिए पट्टे… मामला 12 एकड़ की छावनी अनाज मंडी को 100 एकड़ में शिफ्ट करने का

इंदौर। प्रशासन (Administration) 12 एकड़ में बनी और बीच शहर में आ गई छावनी अनाज मंडी (Cantonment Grain Market) को अब व्यवस्थित बड़ी स्मार्ट मंडी (Big Smart Mandi) में शिफ्ट (Shift) करने जा रहा है। 100 एकड़ पर यह नई स्मार्ट मंडी कैलोदकर्ताल (Kailodkartal) और मांचला (Manchla) की सरकारी जमीन (Government Land) पर विकसित की जाएगी। पहले रेसीडेंसी (Residency) में, उसके बाद मौके पर जाकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने मंडी के लिए ली जा रही जमीन का मौका-मुआयना भी किया। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) के मुताबिक इस सर्वसुविधायुक्त मंडी में गोदाम, ऑनलाइन बैंकिंग, इंटरनेट के साथ पैकेजिंग, पॉलिसिंग (Online Banking, Internet, Packaging, Policing,) के साथ आधुनिक मशीनें सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वहीं कुछ जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन भी करवाना पड़ेगा, तो साथ ही पूर्व सरपंचों (Sarpanches) द्वारा बांटे गए अवैध पट्टों (Illegal leases) को भी निरस्त किया जा रहा है और इसके साथ ही दोषी सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। ये पट्टे सरपंचों ने बिना ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) और ग्राम सभाओं के नियम विरुद्ध ही बांट दिए और इसकी कोई विधिवत मंजूरी नहीं ली।


छावनी अनाज मंडी (Cantonment Grain Market) चूंकि बीच शहर में मौजूद है। लिहाजा यातायात से लेकर अन्य समस्याएं आती है। अभी जनवरी में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में यह निर्णय लिया था कि किसानों के हित में नई मंडी परिसर को विकसित किया जाए। लिहाजा जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी और कल रेसीडेंसी पर सांसद शंकर लालवानी, विधायक आकाश विजयवर्गीय, कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) सहित अन्य ने चर्चा की और छावनी मंडी को कैलोद गांव के पास 100 एकड़ में शिफ्ट करने का निर्णय लिया। तत्पश्चात जनप्रतिनिधि और अफसर कैलोद और मांचला भी पहुंचे। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक नई कृषि उपज मंडी एशिया की सबसे बड़ी स्मार्ट मंडी के रूप में विकसित की जाएगी, जहां पर किसानों-व्यापारियों को सर्वसुविधा मिलेगी। इससे संभाग के सभी जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। वर्तमान में छावनी कृषि मंडी का क्षेत्रफल मात्र 12 एकड़ है, जो अब किसानों और व्यापारियों को छोटा पड़ता है। लिहाजा मांचला और कैलोदकर्ताल की 100 एकड़ पर नई मंडी के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जा रही है। एसडीएम और मंडी का काम देख रहे प्रतुल्ल सिन्हा के मुताबिक मांचला में आबादी भूमि में अवैध रूप से पट्टे बांटे गए हैं। लगभग 40 ऐसे पट्टों की जानकारी सामने आई है जिन्हें अब निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वैसे तो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के मुताबिक पूर्व में ग्रामसभाओं और ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही इस तरह के पट्टे दिए जा सकते थे। मगर सरपंचों ने नियम विरूद्ध बिना अनुमति के ही ये पट्टे बांट दिए हैं। इसमें भी नियमों का दुरुपयोग किया गया। ना तो भूमिहीनों की सूची बनाई और ना ही एससी-एसटी, ओबीसी और ना ही उसके बाद सामान्य वर्ग को ये पट्टे आबंटित किए गए, बल्कि मनमानी से अपनी इच्छानुसार पट्टे दे दिए। नतीजतन तीन पूर्व सरपंचों पर इस मामले में नियमों के मुताबिक कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं कुछ जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन भी होना है। उसकी प्रक्रिया भी शुरू करेंगे। दरअसल, अभी इंदौर के आगामी मास्टर प्लान की भी तैयारी चल रही है। लिहाजा कैलोदकर्ताल और मांचला की मंडी के लिए दी जाने वाली 100 एकड़ जमीन सुरक्षित करते हुए जितनी जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन की आवश्यकता है वह भी करवा लिया जाएगा। कलेक्टर के मुताबिक जल्द ही नई मंडी की सौगात उपलब्ध करवा दी जाएगी।

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