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    तमिलनाडु की तर्ज पर प्रदेश में लागू होगा Central Store System

  • September 03, 2021

    • सेंट्रल स्टोर सिस्टम से दूर होगी दवा की दिक्कत होगी दूर

    भोपाल। सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में मरीज को बेहतर इलाज व समय पर दवा उपलब्ध हो, इसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही तमिलनाडु की तर्ज पर सेंट्रल स्टोर सिस्टम (Central Store System) लागू कर सकती है। इसके लिए ड्रग कारपोरेशन के एमडी जे विजय कुमार ने ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर व सागर जिले के मेडिकल कालेजों के अस्पतालों में बने दवा स्टोर का सर्वे भी कराया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर एमडी अब प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसे स्वीकृति मिलते ही प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में अक्सर किसी न किसी दवा की कमी बनी रहती है। दवा आ जाए तो वितरण में घालमेल की शिकायतें सामने आती हैं। बजट की कमी के चलते भी समय पर दवा सप्लाई न होना, दवा की गुणवत्ता में गड़बड़ी और स्थानीय खरीद में राजनीतिक दबाव जैसी कई समस्याओं के चलते सेंट्रल स्टोर सिस्टम (Central Store System) की कमी महसूस की गई।


    सीएसएस लागू होने से ये होगा फायदा
    संभागीय स्तर पर सेंट्रल वेयरहाउस तैयार होगा, जहां से जिले के लिए दवाएं वितरण की जाएंगी। संभागीय स्तर पर वेयर हाउस और जिलों में नए व व्यवस्थित दवा स्टोर बनेंगे। स्टोर संभालने के लिए कर्मचारियों की उपलब्धता कराई जाएगी। दवा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाएगा। दवा स्टोर की डिमांड वेयरहाउस से 48 घंटे में पूरी की जा सकेगी।

    सिस्टम लागू होने से बदलेगी व्यवस्था
    सीएसएस लागू होने से व्यवस्था में कई बदलाव आएंगे। जिला स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कालेजों को दवा खरीद के लिए शासन से बजट नहीं मिलेगा। दवा की स्थानीय स्तर पर खरीद बंद कर दी जाएगी। दवा की डिमांड के भुगतान की समस्या समाप्त होगी। ड्रग कारपोरेशन दवा उपलब्ध कराएगा और भुगतान शासन से लेगा। प्रदेश से लेकर संभागीय स्तर तक कारपोरेशन के कर्मचारी तैनात होंगे।

    सर्वे में यह आया सामने
    पांच जिलों के 13 दवा स्टोर पर सर्वे टीम पहुंची और व्यवस्थाओं व समस्याओं का पता लगाया। कई स्टोरों में जगह की कमी के कारण दवाओं का रखरखाब ठीक नहीं मिला। स्टोर में नई दवाएं आगे और पुरानी पीछे दबने से वितरण से कई दवाएं एक्सपायरी होना भी पाया। स्टोर में कर्मचारियों की कमी भी दिखी। पुराने भवन, जिसमें टूट-फूट या नमी के कारण दवाएं खराब हो रही थीं। सीएमएचओ, सिविल सर्जन से फीडबैक लिया गया, जिसमें उन्होंने सेंट्रल स्टोर सिस्टम लागू कराने पर सहमति दी।

    इनका कहना है
    तमिलनाडु की तर्ज पर प्रदेश में सेंट्रल स्टोर सिस्टम तैयार करने की कवायाद की जा रही है। पांच जिलों में अस्पताल व दवा स्टोर का सर्वे किया गया, जिसमें कई समस्याएं देखने को मिली। सर्वे रिपोर्ट जल्द ही एमडी ड्रग कारपोरेशन को दी जाएगी। वह प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
    श्रीराम मुदुकुरवा, रिसर्च एसोसिएट एनएचएम, भोपाल

    सर्वे करा लिया गया है, अब प्रस्ताव शासन के समक्ष रखा जाएगा। इसका निर्णय होने में अभी समय लगेगा, पर सेंट्रल स्टोर सिस्टम अच्छा है। इससे भुगतान व दवा की उपलब्धता की समस्या समाप्त होगी।
    जे विजय कुमार एमडी ड्रग कारपोरेशन, भोपाल

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