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    3 सितंबर को है अजा एकादशी, आप भी जान लें पूजन विधि व महत्‍व

  • August 31, 2021

    हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व (special importance) होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना (worship) की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कहते हैं कि एकादशी व्रत रखने वालों के सभी पापों का नाश हो जाता है और सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को जाता है।

    अजा एकादशी कब है?
    अजा एकादशी व्रत भाद्रपद मास (Bhadrapada month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस साल यह तिथि 3 सितंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रही है।

    अजा एकादशी शुभ मुहूर्त-
    2 सितंबर को एकादशी तिथि सुबह 06 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी, जो कि 3 सितंबर की सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। व्रत पारण का समय 4 सितंबर, शनिवार को सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

    एक कथा के अनुसार, अपनी सत्यनिष्ठा व करुणा के लिए प्रसिद्ध राजा हरिश्चंद्र को जब एक स्वप्न के कारण अपना राज्य छोड़ना पड़ा, तब वह आजीविका के लिए श्मशान में काम करने लगे। एक दिन ऋषि गौतम ने जब उन्हें इतनी दारुण अवस्था में देखा, तो उन्होंने राजा को इस एकादशी पर व्रत रखने को कहा। राजा ने वैसा ही किया। परिणामस्वरूप राजा हरिश्चंद्र को न सिर्फ उनका राज्य वापस मिल गया, बल्कि उनका मृत पुत्र भी पुन: जीवित हो गया।

    एकादशी व्रत पूजा- विधि
    सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी (Basil) दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।


    अजा एकादशी के दिन क्या करें-
    इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके पूजा करनी चाहिए।
    एकादशी के दान का विशेष महत्व है। गरीबों या जरुरतमदों को दान करना चाहिए।
    अगर संभव हो तो एकादशी के दिन गंगा स्नान भी करना चाहिए।
    मान्यता है कि एकादशी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
    विवाह के लिए एकादशी के दिन केला या हल्दी का दान उत्तम माना जाता है।

    नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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