प्रयागराज। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है। राजनीतिक पार्टियों (Palitical Parties) ने चुनावी बिसात बिछानी (Election Planning) शुरू कर दी है। भाजपा (BJP) और सपा (Samajwadi Party) की तैयारियों को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने भी प्रत्याशियों (Candidates) को लेकर कवायद शुरू की है। अबकी बार बसपा(BSP) अपनी छवि को लेकर खासा सतर्क है।
टिकट बंटवारे को लेकर बसपा ने अपना तरीका बदला है। चुनाव लड़ने के दावेदारों से आवेदन मांगे गए हैं। बसपाइयों को एक प्रोफार्मा बताया गया है। आवेदन के साथ बायोडाटा देना होगा। अपनी खूबियां बतानी होगी। समाज के लिए क्या किया, बसपा के मिशन मूवमेंट में योगदान, कितने वर्षों का राजनीतिक जीवन, बसपा से जुड़ाव, राजनीति ही क्यों, परिवार के हालात, पेशा, किस विधानसभा से चाहत, वहां किए गए कार्यों का ब्योरा आदि देना होगा। आवेदन के लिए बसपा ने जिला स्तर पर एक कमेटी बनाई है। वह कमेटी आवेदन पर विचार कर चुनाव के लिए बनाई कार्यकारिणी के पास भेजेगी। कार्यकारिणी में शामिल नेता आवेदन करने वाले का इंटरव्यू करेंगे। हर विभानसभा से दस आवेदन लिए जा रहे हैं। कमेटी और कार्यकारिणी दस आवेदकों में से आठ को फेल कर दो को पास करेंगी। फिर ये दो आवेदक नेताओं की कुंडली बसपा प्रमुख मायावती के पास पहुंचेगी। वहां से तय होगा कि कौन चुनाव लड़ने के काबिल है।
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