- देशभर के डॉक्टरों की चेतावनी को अनदेखा किया
उज्जैन। आगामी 15 सितम्बर से उज्जैन सहित प्रदेश के कॉलेजों को खोलने की घोषणा कल की गई जिस पर डॉक्टरों ने चिंता जताई है..अभी अस्पतालों में डेंगू और वायरल के ढेरों मरीज है और देशभर के डॉक्टर अक्टूबर-नवम्बर में तीसरी लहर आने की बात कह रहे हैं। ऐसे में यदि ऑनलाईन ही पढ़ाई होती तो कौन सा बड़ा नुकसान हो जाता..दूसरी लहर में हुई हजारों मौतों के बाद भी लगता है कि मध्यप्रदेश शासन की आँखें बंद है और वह खतरा मौल लेने को तैयार है। जबकि होना यह था कि दो-तीन महीने रूककर पहले बीमारी से निपटा जाता।
उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में वर्तमान में लोग बीमारी से जूझ रहे हैं, कोरोना के केस भले ही कम है लेकिन वायरल, डेंगू, मलेरिया से अस्पतालों की आमदनी जारी है। ऐसे में 15 सितम्बर से महाविद्यालय के चालू होना किसी खतरे से खाली नहीं। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा है कि अभी स्कूल या कॉलेज खोलना किसी मूर्खता से कम नहीं माना जाएगा। जिले में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल पहले से ही सप्ताह में दो दिन खुल रहे हैं। अब 6वीं से 12वीं तक की सभी कक्षाएं रविवार को छोड़कर बाकी छह दिन लगेंगी। प्रत्येक कक्षा में 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही रहेंगे यानी एक स्टूडेंट को सिर्फ तीन दिन स्कूल जाना होगा और बाकी तीन दिन ऑनलाइन क्लास होगी। स्कूल में जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने वैक्सीन की एक डोज भी नहीं लगवाई है, उन्हें तुरंत वैक्सीनेशन कराना होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले 17 महीनों से जिले के सभी स्कूल कोरोना के कारण बंद चल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बच्चे अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल पहुंच सकेंगे। बता दें कि अभी बीती 26 जुलाई से 10वीं व 12वीं की कक्षाएं और 5 अगस्त से 9वीं व 11वीं की कक्षाएं हफ्ते में दो दिन लगाई जा रही हैं। छठवीं से आठवीं तक के मिडिल स्कूल पूरी तरह बंद थे। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का मंथली टेस्ट सितंबर के पहले सप्ताह में लिया जाएगा। विद्यार्थियों को घर से पेपर हल करके स्कूलों में लाकर 6 सितंबर तक जमा करने होंगे। संचालक लोक शिक्षण ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने विमर्श पोर्टल पर नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के विषयों के सभी पेपर विमर्श पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं।