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इन्दौर राजमार्ग पर 8 माह में 15 मौतें, अब दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस ने बनाया प्लान

August 28, 2021


इन्दौर-खंडवा रोड के सिमरोल-भेरूघाट क्षेत्र में मौतों के साथ 60 गंभीर घायल भी, मरने वालों में सर्वाधिक युवा
इंदौर।  इंदौर-इच्छापुर (Indore-Ichhapur) राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर सडक़ दुर्घटनाओं (Road Accidents) को रोकने के लिए एक एक्शन प्लान (Action Plan) तैयार किया गया है। इंदौर (Indore) से खंडवा (Khandwa) के बीच भेरूघाट (Bherughat) और सिमरोल घाट (Simrol Ghat) पर होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पिछले दिनों एक प्रस्ताव तैयार कर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण यंत्री तथा आईजी इंदौर को भेजा गया है। यदि उस पर मुहर लग जाती है तो काफी हद तक दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। यदि दुर्घटनाओं (Accidents) के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 8 माह के दौरान इस मार्ग पर 15 मौतें हुई हैं, जिनमें मरने वाले सर्वाधिक युवा हैं।


सिमरोल थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे (Simrol police station in-charge Dharmendra Shivhare) के मुताबिक 1 जनवरी से 15 अगस्त 2021 के बीच हुई सडक़ दुर्घटनाओं में 15 लोगों की जान गई है और 60 लोग घायल हुए हैं। वहीं कंटेनर, ट्रक और अन्य छोटी गाडिय़ां भी दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में गिरी हैं। बताया जा रहा है कि 8 माह के दौरान जो लोग दुर्घटना में मरे हैं, वे सब बाहर के हैं। शिवहरे ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व दुर्घटनाओं (Accidents) को रोकने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार कर आईजी को भेजा गया है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि भेरूघाट और सिमरोल के बीच चलने वाले वाहनों का मार्ग परिवर्तित किया जाए तो दुर्घटनाओं (Accidents) को रोकने में भी मदद मिलेगी। उनका कहना है कि जब तक इंदौर-खंडवा मार्ग का चौड़ीकरण नहीं हो जाता, तब तक दुर्घटनाओं (Accidents) को रोकना मुश्किल है। पिछले लंबे समय से इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर भी चर्चाएं चलती रही हैं, लेकिन कोई ठोस निर्णय न प्रशासन ने लिया है और न ही सरकार ने।


मंडलेश्वर मार्ग का दिया विकल्प
टीआई शिवहरे ने तैयार किए गए प्लान में अधिकारियों को बड़े व भारी वाहनों का मार्ग बदलकर मानपुर (Manpur), धामनोद (Dhamnod), मंडलेश्वर (Mandleshwar) होकर बड़वाह जाने का रास्ता सुझाया है। उन्होंने बताया कि इससे इस मार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा और दुर्घटनाओं (Accidents) में भी कमी आएगी।


अकसर लगता है घंटों जाम
इस मार्ग पर आए दिन बड़े वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनती है, जिससे महज 150 किमी के सफर में आठ से दस घंटे तक लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि सिमरोल घाट एनएचएआई ने दुर्घटनाओं (Accidents) को रोकने के लिए कुछ समय पहले घाट उतरने और चढऩे वाले वाहनों की अलग-अलग लेन तैयार की थी, जो सामान्य ट्रैफिक रूल्स के विपरीत चलती है। अकसर वाहन चालक इसे नहीं समझ पाते और गलत लेन पर जाने से दुर्घटना हो जाती है और जाम भी लगता है।

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