नई दिल्ली। आतंकवाद (terrorism) से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है। फिलहाल इन आतंकी गतिविधियों का गढ़ बन गया अफगानिस्तान। नौबत यहां तक आ गई कि यहां आतंकी संगठन तालिबान (terrorist organization taliban) का पूरी तरह से कब्जा हो गया है। यहां निवास कर रहे दूसरे देशों के नागरिकों के लिए अब मुसीबत बनी हुई है। यही वजह है कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन (Taliban rule in Afghanistan) के बाद से ही भारत सहित सभी देश वहां से अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहे है। भारत सरकार अब तक अपने सैंकड़ों नागरिकों को तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से निकाल कर उन्हें भारत ले आया है।
जहां गुरुवार को ही काबुल एयरपोर्ट के बाहर तीन बड़े बम धमाके हुए। इनमें अब तक कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने ले ली है।
तालिबान ने भी दावा किया है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा में खड़े उसके कुछ लड़ाकों को चोटें आई हैं। ऐसे में कई जगह सवाल हैं कि आखिर जब तालिबान और आईएस दोनों ही आतंकी संगठन हैं, तो इन दोनों में क्या फर्क है और इस्लामिक जगत में इनके मकसद कितने अलग हैं।
बता दें कि आईएस का मतलब है इस्लामिक स्टेट। इस आतंकी संगठन का जन्म हुआ था इराक और सीरिया में। 2014 में इराक के मोसुल में कब्जा करने के बाद इस संगठन ने जमकर कहर बरसाया और यूरोप में कई हमलों को अंजाम दिया। 2014 में बेल्जियम से लेकर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और फ्रांस तक आतंकी हमलों में इस संगठन का नाम आया। इसलिए इसका शुरुआती नाम इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) पड़ा, हालांकि, इस संगठन ने पूरे यूरोप से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, एशिया और भारत के करीब अफगानिस्तान से लेकर श्रीलंका तक में दहशत फैलाई।
इस संगठन के सरगना आतंकी अबु-बकर अल बगदादी ने संगठन का लक्ष्य इस्लामी जगत में खिलाफत शासन लाना रखा था और खुद को इस्लामिक जगत का खलीफा तक घोषित कर लिया था।
बताया जाता है कि 2014 से लेकर 2017 तक अपने चरम के दौरान आईएसआईएस ने अफगानिस्तान में भी कुछ लड़ाके भेजना शुरू कर दिया था। हालांकि, यहां उसकी असली ताकत बने तालिबान के वो खूंखार आतंकी, जो अमेरिका से लड़ाई के दौरान मुल्ला उमर के नेतृत्व वाले संगठन की कमजोरी से तंग आ चुके थे। ऐसे ही कुछ आतंकियों ने मिलकर अफगानिस्तान के खोरासान प्रांत में आईएस की शुरुआत की और पूरे देश में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया।
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