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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को राकेश अस्थाना मामले में 2 हफ्ते में फैसला करने को कहा

August 25, 2021


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर दो सप्ताह के भीतर (In 2 weeks) फैसला करने (To decide) को कहा।


प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, कुछ मुद्दे हैं, एक आधार के रूप में मेरे मामले में मेरी भागीदारी के बारे में है। मैंने सीबीआई चयन में इस व्यक्ति के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति में भाग लेते हुए अस्थाना की सीबीआई प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। शीर्ष अदालत अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने प्रस्तुत किया, मुझे नहीं लगता कि यह आपके प्रभुत्व (लॉर्डशिप) को बिल्कुल भी अक्षम करता है। बेंच में जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत ने कहा कि इसी मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।

पीठ ने कहा कि हम उच्च न्यायालय को इसे (याचिका) निपटाने के लिए 2 सप्ताह का समय देंगे। इसके साथ ही पीठ ने याचिका को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
भूषण ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय में याचिका उनके मुवक्किल की याचिका से कॉपी-पेस्ट है। भूषण ने कहा, हमारे यहां याचिका दायर करने के बाद इसे किसी और के माध्यम से दायर किया था।
पीठ ने भूषण को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में हस्तक्षेप करने की छूट दी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से मामले पर फैसला करने के लिए उच्च न्यायालय को कम से कम 4 सप्ताह की अवधि देने का आग्रह किया, लेकिन पीठ नहीं मानी। शीर्ष अदालत ने मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को सेवा से सेवानिवृत्त होने के कुछ दिन पहले ही जुलाई के अंत में दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।
बता दें कि राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग करने वाली एक अन्य याचिका भी वरिष्ठ अधिवक्ता एम. एल. शर्मा द्वारा दायर की गई है।

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