इंदौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 17 माह बाद दोबारा शुरू होने जा रही दुबई की अंतरराष्ट्रीय उड़ान से जाने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर ही कोरोना की जांच की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रबंधन ने टेंडर जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया ने 1 सितंबर से इंदौर से दुबई की उड़ान दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। इसके बाद मंगलवार को एयरपोर्ट पर इसकी तैयारियों को लेकर सभी संबंधित विभागों की बैठक हुई। बैठक में एयर इंडिया के मैनेजर विकास शाह ने बताया कि यूएई सरकार द्वारा बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए दो टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य की गई हंै। इनमें एक नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट, जो 48 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होना चाहिए और एक रैपिड पीसीआर, जो फ्लाइट के समय से 6 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होना चाहिए। इस पर एयरपोर्ट डायरेक्टर प्रबोध शर्मा ने प्रशासन से संपर्क कर निजी लैब प्रतिनिधियों से बात की। इसके बाद बताया गया कि सैंपल कलेक्शन के लिए एयरपोर्ट पर ही लैब के काउंटर लगाने होंगे, जो सैंपल लेकर लैब से टेस्ट करवाकर रिपोर्ट जारी करेंगे। एयरपोर्ट पर लैब काउंटर स्थापित करने के लिए टेंडर भी जारी किए गए हैं। दो दिन में जो लैब इस कार्य के लिए कम फीस और एयरपोर्ट को ज्यादा प्रीमियम देने को तैयार होगी उसे टेंडर जारी किया जाएगा। हालांकि अभी भी ज्यादा यात्रियों के एक साथ रैपिड पीसीआर टेस्ट को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि रैपिड टेस्ट के लिए शहर में केवल 25 मशीनें ही हैं और हर मशीन पर एक समय में एक ही सैंपल की जांच होने से रिपोर्ट में दो-तीन घंटे का समय लगता है।
यूएई सरकार से लेना होगा मार्गदर्शन
इस संबंध में सोडानी लैब के सीईओ अनुराग सोडानी ने बताया कि आरटीपीसीआर और रैपिड पीसीआर दोनों एक ही तरह की जांच हैं, लेकिन फिर भी एयर इंडिया को इस पर यूएई सरकार से मार्गदर्शन लेना चाहिए कि क्या रैपिड पीसीआर के स्थान पर आरटीपीसीआर रिपोर्ट मान्य की जा सकती है। संशय की स्थिति में यात्रियों को परेशानी उठाना पड़ सकती है।
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