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    रवि दहिया, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट नहीं कर पाएंगे कुश्ती! रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने दिया नोटिस

  • August 21, 2021

    नई दिल्ली। इस वर्ष हुए टोक्यो ओलिमपिक्स 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय पहलवानों ने एक सिल्वर सहित 2 मेडल जीत देश का गौरव बढ़ाया। लेकिन वही दूसरी और पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को लेकर विवाद भी हुआ, जिसके बाद उन्हें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की ओर से नोटिस दिया गया है। साथ ही टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मेडल जीतने वाले रेसलर रवि दहिया और बजरंग पूनिया (Ravi Dahiya, Bajrang Punia) जैसे शीर्ष पहलवानों के लिए आने वाले दिनों में उन्हें मुश्किल का सामना करना पद सकता है।

    बता दे कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने पहलवानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने (Brij Bhushan Sharan Singh) कहना है कि अगर खिलाड़ी किसी प्राइवेट संस्था की मदद लेते हैं, तो उन्हें किसी भी इवेंट में उतरने का मौका नहीं दिया जाएगा। पिछले दिनों रेसलिंग फेडरेशन ने विनेश फोगाट सहित तीन खिलाड़ियों को नाेटिस भेजकर जवाब मांगा है। बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी कहा, ‘हमने खिलाड़ियों के मामले को अनुशासन समिति के पास भेज दिया है। जो विनेश फोगाट, सोनम मलिक और दिव्या काकरान (Vinesh Phogat, Sonam Malik, Divya Kakran) को बुलाएगी. यह कहना आसाान है कि मैंने गलती की है, लेकिन आपने यह गलती किस वजह से और क्यों की?.’ मामले में विनेश फोगाट ने अपने वकील के माध्यम से जवाब दिया है कि वे दूसरे पहलवानों की बेहतरी के लिए भारतीय टीम के साथ नहीं रहीं, ताकि वे वायरस से दूर रहें. इस पर सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लेकिन विनेश ने फेडरेशन की ड्रेस क्यों नहीं पहनी।

    टॉप पोडियम स्कीम (TOPS) को लेकर भी दिया बयान
    उन्होंने खेल मंत्रालय की टॉप पोडियम स्कीम (TOPS) को लेकर कहा कि वे खिलाड़ियों को सीधे ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज देते हैं। इस बारे में हमें जानकारी नहीं दी जाती. इस कारण परेशानी होती है। फेडरेशन को खिलाड़ियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। विनेश फोगाट ने विदेश में ट्रेनिंग के लिए हमसे सीधे कभी संपर्क नहीं किया। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को विदेशी में ट्रेनिंग की बात होती है तो सबको भेजते। हमें इस बारे में नहीं बताया गया। साथ ही बताय कि हमें ओजीक्यू और जेएसडब्ल्यू जैसे प्राइवेट पार्टनरों की जरूरत नहीं है। उन्होंने तीन पहलवानों को बर्बाद किया है, मैं उनका नाम नहीं लूंगा। जब भारत सरकार एथलीटों पर खर्चा करने को तैयार है तो हमें उनकी जरूरत क्यों है? उन्होंने कह कि प्राइवेट पार्टनर जूनियर और कैडेट पहलवानों की मदद कर सकते हैं, जिन्हें वास्तव में सहयोग की जरूरत है। वे सरकार के जितना खर्च नहीं कर रहे हैं , सरकार की ओर से करीब 85 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।’

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