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    MP: ग्वालियर-चंबल की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा अटल प्रोग्रेस-वे

  • August 21, 2021

    केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा- अंचल का होगा चहुंमुखी विकास

    ग्वालियर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा मुरैना क्षेत्र के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के चौतरफा विकास की परिकल्पना को सतत साकार कर रहे हैं। उनकी दूरदृष्टि के कारण हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा अटल प्रोग्रेस-वे (चंबल एक्सप्रेस-वे) को भारतमाला परियोजना में शामिल करने से समूचे ग्वालियर-चबंल संभाग का चहुंमुखी विकास होगा। यह प्रोजेक्ट इस अंचल की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

    केंद्रीय मंत्री तोमर ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है। दरअसल, अटल प्रोग्रेस-वे की मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्री तोमर ने विभागीय मंत्री नितिन गडकरी से अनेक बार चर्चा की थी, वहीं गड़करी, तोमर तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में केंद्र एवं मप्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी आयोजित की गई थी।


    तोमर ने शुक्रवार को बताया कि अटल प्रोग्रेस-वे को भारत माला फेज-1 में शामिल करते हुए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जाएगा। श्योपुर, मुरैना एवं भिंड जिलों से होते हुए यह एक्सप्रेस-वे मप्र में 312 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झांसी (उत्तर प्रदेश) से और पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए बनाया जाएगा। इस एक्सप्रसे-वे के आसपास इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनाया जाएगा, जो पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। इस नए मार्ग से आवाजाही के समय की तो बचत होगी ही, औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से अंचलवासियों को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

    उद्योग एवं विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित होगा चंबल अंचल

    केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि चंबल क्षेत्र की उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों (दिल्ली एवं हरियाणा) एवं राजस्थान तथा उ.प्र. से निकटता एवं कनेक्टिविटी को देखते हुए यह भविष्य में हाई पोटेंशियल इंडस्ट्रिय़ल जोन के रूप में विकसित होगा तथा चंबल क्षेत्र दिल्ली, उप्र, हरियाणा तथा पूर्वी राजस्थान, कुल लगभग 22 करोड़ जनसंख्या के बड़े बाजार के लिए उद्योग/विनिर्माण का केंद्र बन सकेगा। तहसील श्योपुर के 36 गांव, वीरपुर के 19, मुरैना के 11, जौरा के 18, सबलगढ़ के 21, अंबाह के 6, पोरसा के 16 तथा अटेर के 25 गांव इस प्रोजेक्ट से सीधे-सीधे विकास की राह पर जुड़ेंगे। चंबल नदी किनारे एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने से पूरे क्षेत्र को काफी फायदा होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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