काबुल। तालिबान (Taliban) द्वारा शरिया परंपरा के अनुसार महिलाओं के लिए शांति और सम्मान का वादा किया गया था लेकिन उसके तुरंत बाद ही, एक वीडियो जारी किया है जिसमे आतंकवादी समूह ने सलीमा मजारी (Salima Mazari) को आपने कब्ज़े में लिया है।अफगानिस्तान (Afghanistan) की महिला राज्यपालों में से एक है, वो कभी बल्ख प्रांत (Balkh province) में दमनकारी मिलिशिया के खिलाफ लड़ी थी। उनके समर्थकों का दावा है कि सलीमा मजारी (Salima Mazari) को जल्द ही तालिबान द्वारा उन लोगों को एक संदेश भेजने के लिए मार डाला जा सकता है जो समूह के लिए किसी भी तरह का प्रतिरोध करना चाहते हैं। हालाँकि, अभी तक उसकी वर्तमान स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक शब्द नहीं आया है।
बता दे कि ऐसे समय में जब राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) सहित शीर्ष अफगान नेता तालिबान द्वारा उत्पीड़न के डर से देश छोड़कर भाग गए, तब सलीमा मजारी (Salima Mazari) ने बल्ख प्रांत (Balkh province) में रहने का फैसला किया जब तक कि उनके चाहर किंट जिले (Chahar Kint District) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा नहीं हो गया।क्षेत्र के सूत्रों ने बताया कि सलीमा मजारी (Salima Mazari) को तब हिरासत में ले लिया गया था जब विद्रोहियों ने पूरे देश पर एक-एक कर कब्जा कर लिया था।
कुछ साल पहले सलीमा मजारी अफगानिस्तान (Afghanistan) की तीन महिला गवर्नरों (Goverenr) में से एक बनी थीं। तालिबान (Taliban) द्वारा कब्जा किए जाने तक, उसने बल्ख प्रांत में चाहर किंट जिले को तालिबान के हाथों से बाहर रखने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। साथी ही 2020 में, बल्ख प्रांत की एक उल्लेखनीय महिला शख्सियत सलीमा मजारी (Salima Mazari) ने अपने प्रांत में 100 से अधिक तालिबानी आतंकवादियों के आत्मसमर्पण के लिए बातचीत की थी।
कौन हैं सलीमा मजारी?
सलीमा माजरी (Salima Majri), जो अफगान मूल की हैं, का जन्म 1980 में ईरान में एक शरणार्थी के रूप में हुआ था, जब उनका परिवार सोवियत युद्ध के दौरान भाग गया था। वह ईरान में पली-बढ़ी हैं। 2018 में, उन्हें पता चला कि चाहर किंट जिले के राज्यपाल के पद के लिए एक रिक्ति है। चूंकि यह उनकी पैतृक मातृभूमि थी, इसलिए उन्होंने इस पद के लिए आवेदन किया और अंततः चाहर किंट जिले (Chahar Kint District) के राज्यपाल (governor) के रूप में कार्यभार संभाला।
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