नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कोरोना (Corona) की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की देखभाल (Caring for children who have lost a parent) की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को करने का आदेश दिया।
याचिका वकील जीतेंद्र गुप्ता ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उन बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए जिन्होंने अपने माता-पिता को खोया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र और दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था। इसकी वजह से दिल्ली में हजारों लोगों की असमय मौत हो गई।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ समझौता किया और ऐसा कर उन्होंने संविधान की धारा 21 का उल्लंघन किया है। याचिका में उन खबरों को उद्धृत किया गया है जिसमें कई परिवारों के एकमात्र कमाऊ सदस्यों की मौत हो गई। इस दौरान बहुत सारे बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया।
उल्लेखनीय है कि ऐसी ही याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई है। पिछले 8 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करे कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोया है उनकी पढ़ाई उस स्कूल में जारी रहे जिस स्कूल में वे पढ़ रहे थे। (एजेंसी, हि.स.)
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