सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 20 अगस्त 2021, शुक्रवार को रखा जाएगा। 22 अगस्त को सावन का समापन हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन ही सावन मास की पूर्णिमा तिथि है। 23 अगस्त से भाद्रपद शुरू हो जाएगा। इसे भादो के नाम से भी जानते हैं। सावन मास (Sawan month) के समापन से ठीक दो दिन पहले ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से मनोकामना (desire) पूरी होती है। इसके साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा का महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व (special importance) होता है। प्रदोष काल में पूजा (worship) करने से भगवान शंकर के प्रसन्न होने की मान्यता है। प्रदोष काल शाम को सूर्यास्त के करीब 45 मिनट पहले से आरंभ हो जाता है। कहते हैं कि प्रदोष काल में की गई पूजा का फल शीघ्र मिलता है।
प्रदोष व्रत क्यों माना जाता है शुभ-
भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में भक्तिभाव के साथ पूजा करने से व्यक्ति को निरोगी काया का वरदान मिलता है। इसके अलावा भगवान शिव की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह व्रत शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए अच्छा माना गया है।
प्रदोष व्रत के दिन ऐसे सजाएं थाली-
प्रदोष व्रत में पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, मिष्ठान, अगरबत्ती और फल होना चाहिए।
प्रदोष व्रत पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव है तो व्रत करें। भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें। इस दिन भोलेनाथ (Bholenath) के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान शिव की आरती करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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