बीते दो सालों से कोरोना काल में ही दुनियाभर में त्योहारों को मनाया जा रहा है। इस साल भी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। इस बीच भाई और बहन का खूबसूरत त्योहार रक्षाबंधन इस साल 22 अगस्त 2021 को आ रहा है। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी बना हुआ है। जिसमें सबसे अधिक बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। आइए जानते हैं कोरोना काल में कैसे मनाएं राखी का पर्व।
पंचांग के अनुसार 22 अगस्त 2021, रविवार को शुभ संयोग में मनाया जाएगा. इस बार रक्षा बंधन पर शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है. पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहूर्त का योग बना हुआ है. पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ योग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में योग को शुभ योग माना गया है.
राखी बांधने का मुहूर्त
रक्षाबंधन पर प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से प्रात: 10 बजकर 34 मिनट तके तक शोभन योग रहेगा, धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा.
पर्व मनाने की सरल और सही विधि
- रक्षा बंधन के दिन सबसे पहले भाई बहन उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर रंगबिरंगे सुंदर नवीन कपड़े पहन कर सूर्य देव को जल चढ़ाएं और घर के मंदिर में यथा शक्ति पूजा अर्चना करें।
- हाथों को सेनेटाइज कर भाई बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करवाएं और शुभ मुहूर्त में राखी बांधने की तैयारी करें।
- चांदी, पीतल, तांबे की या कोई भी साफ स्वच्छ थाली लें।
- इस थाली में नया सुंदर कपड़ा बिछाएं।
- जल का कलश नारियल, सुपारी, मौली, रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र, उपहार और मिठाई रखें।
- घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती कर सकें।
- रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें।
- भाई से पहले अपने इष्टदेव कान्हा, श्री गणेश या शिव जी को राखी अर्पित करें।
- नागदेवता और भैरव जी के नाम की राखी बांधना न भूलें।
- इसके बाद दिन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर पीढ़े पर बैठाएं।
- पहले भाई को तिलक लगाएं, फिर रक्षा सूत्र बांधें और फिर आरती करें। पूरा पूजन कार्य मनोयोग से करें सेल्फी आप बाद में भी ले
- सकते हैं। बेहतर होगा कि पर्व मनाने के दौरान एक झोले में सबके मोबाइल रख दें और कुछ देर के लिए भूल जाएं।
- राखी बांधते समय बहन इस मंत्र का उच्चारण करें, इससे भाई की आयु में वृद्धि होती है।
ॐ येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वां प्रति बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल। - इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें। अब आप साथ में मास्क लगा कर जितनी चाहे फोटो ले सकते हैं। पर्वों की सुंदरता इसी में है कि हंसी-खुशी और आनंद का वातावरण बना रहे लेकिन रीति रिवाज के दौरान बस फोटो पर ही ध्यान देना उचित नहीं है। पहले शांतिपूर्वक बड़े बुजुर्गों के सान्निध्य में खुशियां मना लें फिर मर्जी अनुसार फोटो ले सकते हैं।
- सबसे खास बात दूरी बनाए रखने की है और फोटो लेते समय यह संभव नहीं है…कोशिश करें कि मास्क लगा हुआ पर्याप्त दूरी के साथ ग्रुप फोटो सबकी साथ में लें ताकि याद रहे कि कोरोना काल में त्योहार कैसे मनाए थे हमने…
- रक्षा सूत्र बांधने के समय भाई तथा बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए।
- रक्षा सूत्र बंधवाने के बाद माता-पिता और बड़ों आशीर्वाद लें, इसके बाद बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें। आजकल बहनें भी जॉब करती हैं तो वह भी अपने भाई के लिए उपहार लाती हैं। यह भी शुभ परंपरा है इसका भी समर्थन करना चाहिए। बहन छोटी हो या बड़ी उनके पैर हमेशा स्पर्श करने चाहिए।
- उपहार और मिठाई में ऐसी चीजें दें, जो दोनों के लिए मंगलकारी और रूचिकर हो, काले वस्त्र तथा तीखा या नमकीन खाद्य न दें। घर की मिठाई को प्राथमिकता दें…
- रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए, लाल पीला और सफेद। अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए। चीनी राखी हर्गिज न बांधें।
- रक्षासूत्र में चंदन लगा हो तो बेहद शुभ होगा।
- राखी से पूर्व कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांधें।
- आजकल लोग सोफे व कुर्सी पर बैठकर राखी बंधवा लेते हैं। यह उचित नहीं है, राखी बंधवाते समय पीढ़े पर ही बैठें। इससे शुद्धिकरण होता है और अच्छा प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं व्यक्ति चुंबकीय रेखाओं से मुक्त हो जाता है। पीढ़े पर सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि बहन को भी बैठना चाहिए। यही रक्षा सूत्र बांधने की सर्वोत्तम विधि है।