सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पवित्रा एकादशी आती है। पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi ) के नाम से भी जानते हैं। पुराणों के अनुसार, पुत्रदा एकादशी के दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और अंत में सभी सुखों को भोगकर बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भक्त को संतान और सुख-समृद्धि (happiness and prosperity) भी प्राप्त होने की मान्यता है।
कब है पवित्रा एकादशी?
पवित्रा एकादशी 18 अगस्त 2021 को है। पवित्रा एकादशी 18 अगस्त को सबह 03 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ हो रही है। व्रत पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।
एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं-
संभव हो तो व्रत करें- एकादशी तिथि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रिय होती है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त होता है। अगर संभव हो तो इस पावन दिन व्रत रखें।
माता लक्ष्मी की पूजा भी करें-
एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करनी चाहिए। मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं (wishes) पूरी हो जाती हैं।
सात्विक भोजन करें-
इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। एकादशी के दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पहले भगवान को भोग लगाएं, उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
चावल का सेवन न करें-
एकादशी के दिन चावल (Rice) का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन चावल का सेवन करना अशुभ माना जाता है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें-
एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
एकादशी व्रत पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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