मास्को। अफगानिस्तान(Afghanistan) में बिगड़ते हालात के बीच रूस (Russia)ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। दरअसल रूस(Russia) ने कहा है कि तालिबानी शासन(Taliban regime) में काबुल की स्थिति(Afghanistan) राष्ट्रपति अशरफ गनी की तुलना में बेहतर रहेगी। अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री जिरनोव (Russian Ambassador Dmitry Zhirnov) ने तालिबान की प्रशंसा करते हुए कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी समूह तालिबान ने पहले 24 घंटों में काबुल को गनी के शासन की तुलना में अधिक सुरक्षित बना दिया है। स्थिति शांतिपूर्ण और अच्छी है और शहर में सब कुछ शांत हो गया है। जिरनोव ने यह बात मॉस्को के एको मोस्किवी रेडियो स्टेशन से करते हुए कही।
जिरनोव ने कहा कि गनी का शासन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। उनके समय अव्यवस्था चरम पर थी, लोगों ने उम्मीद खो दी थी और विकास शून्य हो गया था। लेकिन अब तालिबान के 24 घंटे के शासन से पता चलता है कि शहर में आने वाले दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा।
जिरनोव ने कहा कि शुरू में निहत्थे तालिबान इकाइयों ने राजधानी काबुल में प्रवेश किया था। इसके बाद सरकार और अमेरिकी बलों को अपने हथियार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। लेकिन जब शासन ने आत्मसमर्पण से इनकार कर दिया तो उनकी मुख्य सशस्त्र इकाइयां राजधानी में प्रवेश कर गईं और इसके बाद गनी डर से भाग गए। गनी के भागने के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया। रूसी राजदूत ने कहा कि तालिबान ने पहले ही रूसी दूतावास की सुरक्षा परिधि पर नियंत्रण कर लिया था जिसमें 100 से अधिक कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को वे तालिबान के साथ विस्तृत सुरक्षा वार्ता करेंगे। वहीं इस बीच रूस की राज्य समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने बताया कि गनी चार कारों और नकदी से भरा एक हेलीकॉप्टर लेकर काबुल से भाग गए। आरआईए ने कहा कि गनी ने देश का खजाना खाली कर दिया है। इसके अलावा अफगानिस्तान के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष प्रतिनिधि, जमीर काबुलोव ने सोमवार को कहा कि काबुल से गनी का भागना वहां की जनता की नजर में बेहद शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि अफगान लोग ऐसे राष्ट्रपति को कैसे जवाबदेही दे सकते हैं। बता दें कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। वहीं देश में स्थिति भयावह बनी हुई है। लोग बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं सोमवार को देश छोड़ने की जल्दबाजी में लोग विमान पर जबरन यात्रा करने लगे थे जिसकी वजह से तीन लोगों की मौत भी हो गई।