नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की आसमान छूती कीमतों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को फिलहाल इस पर जारी उत्पाद शुल्क (excise duty) में कटौती से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में दोनों ईंधनों पर दी गई भारी सब्सिडी के एवज में किए जा रहे ब्याज के भुगतान की वजह से उनके हाथ बंधे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा पिछली यूपीए सरकार ऑयल बॉन्ड लेकर आई थी, जिसकी वहज से सरकार को उसके ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है। सरकार ने पिछले 5 साल में ऑयल बॉन्ड के ब्याज के रूप में 70,195.72 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान अभी तक कर चुकी है। सरकार को 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाना है, जबकि ब्याज भुगतान के बावजूद 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मूलधन अब भी बकाया है।
सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड्स जारी करके तेल के दाम में कटौती की थी। लेकिन, मैं पिछली सरकार की तरह चालबाजी नहीं कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि ऑयल बॉन्ड्स की वजह से हमारी सरकार पर बोझ पड़ा है, जिसकी वजह से हम पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती करने में असमर्थ हैं। गौरतलब है कि देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है, जबकि डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर के आस-पास है। (एजेंसी, हि.स.)
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