मस्कट। अफगानिस्तान छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी को उस समय बड़ा झटका लगा जब ताजिकिस्तान ने उनके विमान को अपनी जमीन पर लैंड करने की इजाजत नहीं दी। मजबूरी में उन्हें ओमान में रुकना पड़ा। ताजा जानकारी के अनुसार अब वे ओमान से अमेरिका भी रवाना हो सकते हैं। बता दें कि अशरफ गनी के अलावा अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहिब भी ओमान में ही हैं। दोनों के विमान को रविवार को ताजिकिस्तान में लैंड करने की इजाजत नहीं दी गई।
वहीं देश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर एक बयान भी जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि आज मेरे सामने एक कठिन चुनाव आया कि मुझे हथियारों से लैस तालिबान का सामना करना चाहिए, जो महल में घुसना चाहता था या मुझे अपने प्यारे देश अफगानिस्तान को छोड़ना था। मैंने पिछले बीस वर्षों में अफगानिस्तान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। अगर मैं तालिबान से लड़ने का विकल्प चुनता तो, कई आम नागरिकों की जान चली जाती और काबुल हमारी आंखों के सामने तबाह होता। इस 60 लाख की आबादी वाले शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी देखनी पड़ती।
बिना सामान लिए ही अफगानिस्तान छोड़ रहे लोग
अफगानिस्तान में तालिबान के संपूर्ण कब्जे के बाद से स्थिति भयावह बनी हुई है। देश छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की बहुत बड़ी भीड़ जमा हो गई है। ऐसा लग रहा है कि यह एयरपोर्ट न होकर कोई रेलवे स्टेशन या बस अड्डा हो। भीड़ को काबू करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को हवाई फायरिंग करनी पड़ रही है। वहीं इन सबके बीच वहां उपस्थित एक स्थानीय कर्मचारी ने भयावह स्थिति की जानकारी दी है।
कर्मचारी ने कहा कि बीते रविवार को हर दो मिनट पर फ्लाइट से बड़े लोग और अधिकारी भाग गए। कर्मचारी ने कहा कि आज दो तीन फ्लाइट ने उड़ान भरी जिसमें वीजा अधिकारी, एयरपोर्ट कर्मचारी भी देश छोड़कर चले गए। अभी स्थिति ऐसी है कि एयरपोर्ट पर वीजा चेक करने के लिए भी कोई नहीं बचा है। यहां डरावनी स्थिति बनी हुई है और काबुल छोड़ने के लिए लोगों में मरामारी मची है। कर्मचारी ने कहा कि आलम ये है कि लोग बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं।
तालिबान का कब्जा
बता दें कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। टोलो न्यूज के मुताबिक, यहां सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी पूरी हो गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है।
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