गुवाहाटी। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में महिला मुक्केबाज लवलीना बरगोहाईं (Female boxer Lovlina Bargohain) कांस्य पदक हासिल कर पहली बार गुरुवार को गुवाहाटी पहुंचीं। जहां पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा (Chief Minister Dr. Himanta Biswa Sarma) समेत अन्य मंत्रियों, नेताओं, दल और संगठनों की ओर से लवलीना का भव्य स्वागत किया गया।
असम सरकार की ओर से गुवाहाटी के पांजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र के प्रेक्षागृह में लवलीना का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने लवलीना पर पुरस्कारों की बरसात कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के इतने वर्ष बाद पहली बार लवलीना ने ओलंपिक पदक हासिल कर असम और देश का नाम रोशन किया है। असम लवलीना को जितना भी कुछ कर दे, उसकी उपलब्धि से कम ही होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने असम सरकार की खेल नीति के तहत उपहार स्वरूप प्रथम श्रेणी की नौकरी यानी असम पुलिस में डीएसपी का पद लवलीना को स्वीकार करने का आह्वान किया। ज्ञात हो कि इससे पहले इसी पद पर विश्व में असम का नाम रोशन करने वाली हिमा दास को भी राज्य सरकार ने सम्मानित किया था।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने लवलीना को असम पुलिस में डीएसपी पद लेने का आह्वान किया। साथ ही एक करोड़ रुपये के पुरस्कार की घोषणा की। साथ ही पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए अब से प्रत्येक महीने एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
इसके अलावा 25 करोड़ रुपये की लागत से सरुपथार में लवलीना के नाम पर बॉक्सिंग क्रीड़ा प्रकल्प का निर्माण करने और गुवाहाटी की एक सड़क का नाम लवलीना के नाम पर करने की घोषणा की। लवलीना के आरंभ से लेकर ओलंपिक तक प्रशिक्षण देने वाले असम के गौरव पदुम बरुवा, सिक्किम के संध्या गुरुंग समेत चार प्रशिक्षकों को असम सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने 10-10 लाख रुपये से सम्मानित करने की घोषणा भी की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 125 वर्ष से इस पल की अपेक्षा कर रहे थे। 125 वर्ष के बाद असम को यह विरला गौरव देने वाली लवलीना ने सब दे दिया। मैं चाहता हूं कि लवलीना आकाश को छूए। लवलीना की प्रासंगिकता कभी स्वर्ण पदक तक के लिए नहीं, जब उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक प्राप्त किया, वह पूरा हो गया। असम के युवाओं के लिए लवलीना प्रेरणा की प्रतीक हैं। युग-युग तक असम के लोगों के मन में लवलीना की यह सफलता याद रहेगी।
इस मौके पर लवलीना ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अपने जीवन संग्राम के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे असम वासियों को यह आश्वासन देती हैं कि 2024 पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर राज्य और देश का नाम रोशन करेंगी।
अपने संबोधन के दौरान लवलीना बेहद भावुक दिखीं। उन्होंने कहा कि असम पहुंचने पर जिस तरह से उनका स्वागत हुआ है, उसको देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गये। उन्होंने राज्यवासियों से भविष्य में भी इस तरह का आशीर्वाद और विश्वास बनाए रखने का आह्वान किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ असम के खेल मंत्री बिमल बोरा, असम विधानसभा के अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी के साथ ही राज्य सरकार के अन्य मंत्री, लवलीना के पिता और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)
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