इंदौर। तीसरी लहर (Third wave) की आशंका (apprehension) के मद्देनजर बच्चों में एंटीबॉडी (antibody) जानने के लिए सीरो सर्वे (sero survey) करवाया जा रहा है। शुरुआत में अधिकांश माता-पिता (parents) अपने बच्चों (children) का सीरो सर्वे करवाने में कतरा रहे थे, मगर अब अधिकांश का डर (fear) खत्म हो गया। नतीजतन कल भी 691 सैम्पल हुए और तीन दिनों में 1257 सैम्पल लिए जा चुके हैं। लगभग 2 हजार सैम्पल लेना है। नतीजतन शनिवार तक सैम्पल लेने का काम पूरा हो जाएगा। चूंकि इंदौर में ही टेस्ट होना है, तो अगले हफ्ते उसके परिणाम भी आ जाएंगे। संभागायुक्त व कलेक्टर ने इस सीरो सर्वे के लिए 50 टीमें गठित करवाई हैं, जो 25 वार्डों से सैम्पल इकट्ठे कर रही है।
18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अभी फिलहाल वैक्सीन नहीं है, लिहाजा उनमें कितनी एंटीबॉडी (antibody) कोरोना से लडऩे की है, इसकी जानकारी सीरो सर्वे से हासिल की जाएगी। हालांकि पहली और दूसरी लहर से बच्चे बचे ही रहे। मगर तीसरी लहर में उनके संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। लिहाजा दो हजार शहरी बच्चों का यह सीरो सर्वे करवाया जा रहा है, जिसके लिए 50 टीमें 25 वार्डों से सैम्पल हासिल कर रही है। शुरुआत में माता-पिता डरे (fear) हुए थे, मगर अब अधिकांश का डर खत्म हो गया, जब उन्हें सर्वे की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी और यह उनके बच्चों के लिए ही अच्छा भी बताया गया। लिहाजा तीन दिन में ही 1257 सैम्पल हासिल किए जा चुके हैं और अब बचे तीन दिनों में शनिवार तक यह सर्वे पूरो हो जाएगा। उसके बाद मेडिकल कॉलेज में ही इन सैम्पलों की जांच होगी, जिसके लिए 50 लाख रुपए की कीमत वाली एलीसा मशीन भी इंदौर (Indore) को नि:शुल्क प्राप्त हो रही है। अगले हफ्ते ही इस सीरो सर्वे के परिणाम भी आ जाएंगे, जिससे यह पता लगेगा कि कितने बच्चों में एंटीबॉडी (antibody) कोरोना से लडऩे की मौजूद है, ताकि इसके मुताबिक ही तीसरी लहर से निपटने के अन्य उपाय भी किए जा सकें। हालांकि प्रशासन ने बच्चों और महिलाओं के लिए भी अतिरिक्त बेड, आईसीयू सहित अन्य व्यवस्थाएं निजी और सरकारी अस्पतालों में करवा रखी है। नेशनल सेंटर फॉर डिसिस कंट्रोल के निर्देशन में यह सीरो सर्वे करवाया जा रहा है और सेंटर द्वारा ही एबोट कम्पनी की एलीसा मशीन इंदौर (Indore) को उपलब्ध करवाई जा रही है। 7 से 9 वर्ष के 400, 10 से 18 वर्ष के 1400 और 1 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों के 200। इस तरह कुल 6 हजार सैम्पल इस सीरो सर्वे के तहत लिए जा रहे हैं। इसका दूसरा चरण भी संभवत: ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी करवाया जाएगा।
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